परम पूज्य जीवन है पानी की बूँद महाकाव्य के मूल रचयिता विमर्श लिपि के सज्रेता जिनागम पंथ प्रवर्तक भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज (25 पिच्छी) ससंघ का हुआ ग्वालियर मै मंगल प्रवेश भिंड एवं ग्वालियर सकल जैन समाज ने की अगवानी जिसमे मुख्य रूप से जिनागाम पंथी जैन मित्र मंडल विमर्श जागृति मंच सहित सेकड़ो लोग शामिल रहे, आहार के पश्चात भावलिंगी संत ससंघ का ग्वालियर से तिजारा जी तीर्थ वंदनार्थ के लिए हुआ विहार
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