भावलिंगी संत के चातुर्मास को लेकर संपूर्ण दिल्ली में अपूर्व उत्साह का माहोल अष्टमूल गुण मय होगा राजधानी का चातुर्मास

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दिल्ली से सोनल जैन की रिपोर्ट

देश की राजधानी दिल्ली में प्रथम बार जिनागम पंथ के प्रवर्तक प.पू. भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज का चातुर्मास होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक चातुर्मास का श्रेय श्री दि. जैन समाज – कृष्णानगर यमुनापार को प्राप्त होने जा रहा है। 22 जुलाई को इस मस्त पूर्व चातुर्मास की मंगल कलश स्थापना विवान बैंक्विट में सम्पन्न होगी। कृष्णानगर में पूज्य आचार्य भगवन की मंगल श्रवण करने पूरी दिल्ली से प्रतिदिन सैकड़ी श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। प्रतिदिन प्रातः 8:00 बजे से मंगल प्रवचन, दोपहर में 3:30 पर मंगल स्वाध्याय एवं संध्या वेला में भक्ति गंगा महोत्सव, टू डेज सोलूजन’ आदि कार्यक्रमों में भारी मात्रा में श्रद्धालु सामिल हो रहे हैं।
आचार्य महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुये बताया कि श्रावक के जीवन में कर्म काटने के लिये दो ही मार्ग हैं, एक दान, दूसरा पूजा, दान और पूजा से श्रावक जीवन सार्थक होता है।
हर मनुष्य की जीवन कोरे कागज की तरह होता है
विचार हमें करना है कि यह जीवन धर्मशास्त्र बने या अखवार, अभी आपके कागज पर दुनिया भर की खबरें प्रिंट है, पूरी दुनिया की आपको खवर है पर आश्चर्य है कि स्वयं भी कोई खवर नहीं है। हम जानना चाहते है कि सबके जीवन में क्या घट रहा है पर इससे अनविज्ञ हैं कि हमारे जीवन में क्या घट रहा है। मोह के कारण अनादि से जीवन में गुण स्थान नहीं बढ़ सका । जितना – मोह पर विजय प्राप्त करते जाओगे उतना – गुणस्थान बढ़ता जायेगा। में भगवान से प्रार्थना करूंगा कि आपके जीवन से सम्यग्दर्शन के दीप जले, जिनशासन के दीप जले, आप के जीवन अष्टमुल गुणों का प्रकाश हो , और आप भी गौरव से कर सकें कि हम जिनशासन के श्रावक हैं। अष्टमून गुणों को जीवन में आत्मसात करें, राजधानी का यह चातुर्मास अष्टमूल गुणों चातुर्मास हो, सभी युवा अष्ट अष्टमूल गुणो जुड़े अपने कुलवंश की महान अहिंसा की परम्परा को आगे बढ़ायें। प्रतिदिन गुरुदेव के सानिध्य में शाम 6:30 बजे से प्राप्त करे अपनी सभी जिज्ञासाओं के समाधान- टू डेज सीलूसन में

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