यमुनानगर, 2 फरवरी (डा. आर. के. जैन):
जैन समाज की सर्वोच्च संस्था भारतीय जैन मिलन के प्रतिष्ठापूर्ण त्रैवार्षिक चुनाव 2025-28 में सुरेश जैन रितुराज छठी बार निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हो गए। वर्तमान में वह संस्था के विशिष्ट संरक्षक थे। बाल आश्रम दरियागंज नई दिल्ली में चुनाव कार्यालय पर सुरेश जैन रितुराज ने नामांकन किया। चुनाव अधिकारी प्रदीप कुमार जैन एडवोकेट ने बताया कि प्रात: साढ़े दस से दोपहर एक बजे तक नामांकन प्रक्रिया पूरी की गई। संस्था में 13 पदों पर चुनाव होना था। इस क्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज के साथ अन्य पदों पर भी एक-एक नाम सामने आया। चुनाव अधिकारी ने नामांकन पत्र की जांच के बाद दोपहर डेढ़ बजे सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा कर दी। जैन समाज की सर्वोच्च संस्था भारतीय जैन मिलन की देशभर में लगभग 1500 से अधिक शाखाएं हैं। नव निर्वाचित पदाधिकारी राष्ट्रीय विशिष्ट संरक्षक विजय जैन गुना, राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज, मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष नरेश चंद जैन सहारनपुर, कार्यकारी अध्यक्ष दक्षिण नरेंद्र जैन बड़ौत, कार्यकारी अध्यक्ष मध्य सुरेंद्र जैन शाहदरा, कार्यकारी अध्यक्ष उत्तर मनोज जैन मुजफ्फरनगर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेंद्र जैन सागर, उपाध्यक्ष मनोज जैन बड़ौत, महामंत्री प्रशासन अजय जैन सहारनपुर, महामंत्री संगठन महेंद्र जैन ग्वालियर, राष्ट्रीय मंत्री नरेश जैन अशोक नगर म. प्र., कोषाध्यक्ष जय कुमार जैन सोनीपत, प्रचार अध्यक्ष राजेश जैन ग्वालियर, प्रचार मंत्री संजय जैन दिल्ली।
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भारतीय जैन मिलन की नव निर्वाचित कार्यकारिणी…………….(डा. आर. के. जैन)
भगवान महावीर स्वामी के 2551 वें निर्वाण कल्याणक वर्ष के उपलक्ष 17 वां पाठ आयोजित
समस्त कार्यों को सिद्ध करने वाला कल्याणकारी अनादि सिद्ध मंत्र है णमोकार-दीपक जैन
यमुनानगर, 2 फरवरी (डा. आर. के. जैन):
जैन मिलन यमुनानगर-जगाधरी द्वारा भगवान महावीर स्वामी के 2551 वें निर्वाण कल्याणक वर्ष के उपलक्ष में णमोकार महामंत्र की श्रृंखला का 17 वां पाठ जैस्को कालोनी जगाधरी निवासी संयुक्त जैन नरेश जैन परिवार के सौजन्य से उनके निवास पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मिलन प्रधान वीर महेश जैन ने की तथा कार्यक्रम का संचालन मिलन उपाध्यक्ष वीर सुशील जैन ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में वीर विनोद कुमार जैन ने भाग लिया। वीर देवेंद्र ने संबोधित करते हुये बताया कि णमोकार मंत्र तीन लोक में अनुपम व संसार में सर्व पापों का नाशक है। संसार का उच्छेदक सर्व सिद्धिदायक, शिव सुख उत्पादक, केवलज्ञान उत्पादक महामंत्री है। इस नमस्कार महामंत्र का एक एक पद अत्याधिक प्रभावशाली नवग्रह शांति में णमोकार मंत्र वर्णानुसार कार्यकारी है। आगम में अरिहंत परमेष्ठी का रंग श्वेत है, सिद्ध परमेष्ठी का रंग लाल है, आचार्य परमेष्ठी का वर्ण पीला है, उपाध्याय परमेष्ठी का रंग हरा (नीला) है व साधू परमेष्ठी का रंग काला (श्याम) है। वीर आशीष जैन ने णमोकार मंत्र के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि णमोकार महामंत्र को जैन धर्म का परम पवित्र और अनादि मूल मंत्र माना जाता है। इसमें किसी व्यक्ति का नहीं किंतु संपूर्ण रूप से विकसित और विकास मान विशुद्ध आत्म स्वरूप का दर्शन, स्मरण, चिंतन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है। इसलिए यह अनादि और अक्षय स्वरूपी मंत्र है। उन्होंने कहा कि यह लोकोत्तर मंत्र है, यह मंत्र णमोकार मंत्र बहुत आत्म सहायक है। आत्म वि-शुद्धि और मुक्ति के लिए नियमित रूप से णमोकार मंत्र का जाप करना चाहिए। वीर दीपक जैन ने बताया कि लोकोत्तर मंत्र लौकिक और लोकोत्तर दोनों कार्य सिद्ध करते हैं। इसलिए णमोकार मंत्र सर्व कार्य सिद्धि कारक लोकोत्तर मंत्र माना जाता है। णमोकार मंत्र के स्मरण से रोग, दरिद्रता, भय तथा विपत्तियां दूर होती है। मन चाहे काम आसानी से बन जाते है, अत: यह निश्चित रूप में माना जा सकता है कि णमोकार महामंत्र हमें जीवन की समस्याओं, कठिनाइयों, चिंताओं व बाधाओं से पार पहुंचाने में सबसे बड़ा आत्म सहायक है। इसलिए इस मंत्र का नियमित जाप करना बताया गया है। उन्होंने आगे बताया कि इस मंत्र में पांच परमेष्ठियों को नमस्कार किया जाता है। इन पवित्र आत्माओं को शुद्ध भावपूर्वक किया गया यह पंच नमस्कार सब पापों का नाश करने वाला है। संसार में सबसे उत्तम मंगल है। यह महामंत्र समस्त कार्यों को सिद्ध करने वाला कल्याणकारी अनादि सिद्ध मंत्र है। इसकी आराधना करने वाला स्वर्ग और मुक्ति को प्राप्त कर लेता है। कार्यक्रम के अंत में आयोजकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समाज के गणमान्य व्यक्ति, महिलाएं एवं बच्चे उपस्थित रहे।
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आरती करते सदस्य व आयोजकों को सम्मानित करते पदाधिकारी………….(डा. आर. के. जैन)