भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में चुनौतियां व उनका समाधान
यमुनानगर, 19 अप्रैल (डा. आर. के. जैन):
भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो इसके विकास और दक्षता में बाधा डालती हैं। इस बारे में जानकारी देते हुये डी.एम. कार्डियोलॉजिस्ट डा. आकाश जैन ने बताया प्राथमिक चिंताओं में से एक है मेडिकल कॉलेजों और सीटों की कमी, जो इच्छुक डॉक्टरों के लिए अवसरों को सीमित करती है। पुराना पाठ्यक्रम वैश्विक चिकित्सा प्रगति से मेल नहीं खाता है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। मेडिकल डिग्री कोर्स में एग्जिट परीक्षा का पाठ्यक्रम उन वास्तविक कौशलों से बहुत पीछे है जिनकी चिकित्सक को दिन-प्रतिदिन आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त गुणवत्तापूर्ण व्यावहारिक प्रशिक्षण और शोध के अवसरों की कमी है। पोस्ट ग्रेजुएशन और सुपर स्पेशलाइजेशन के लिए प्रवेश परीक्षाएँ केवल बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होती हैं, जिससे छात्रों को पूरे प्रशिक्षण के दौरान केवल सैद्धांतिक ज्ञान पर निर्भर रहना पड़ता है। मेडिकल प्रवेश में भ्रष्टाचार और व्यावसायीकरण प्रणाली की विश्वसनीयता को और कम करता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने और बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे सुधार ला रही है। हालांकि, मेडिकल सीटों में वृद्धि के साथ गुणवत्ता बनाए रखना एक चुनौती बनी हुई है। दूसरे, मेडिकल पाठ्यक्रम को अपडेट करना और स्नातकोत्तर और सुपर स्पेशलिटी में प्रवेश परीक्षाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण के अनुरूप रखना आवश्यक है, ताकि मेडिकल स्नातक कोचिंग संस्थानों से प्राप्त सैद्धांतिक ज्ञान के बजाय नवीनतम व्यावहारिक प्रशिक्षण पर ध्यान केन्द्रित कर सकें। तीसरा सभी केंद्रीय और राज्य संचालित संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा अनुसंधान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि हम वैश्विक मानकों से मेल खा सकें। चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करने से भारत के भविष्य के लिए एक अच्छी तरह से सुसज्जित स्वास्थ्य सेवा कार्यबल सुनिश्चित होगा।
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जानकारी देते डा. आकाश जैन……………..(डा. आर. के. जैन)
चैरिटेबल ग्रुप के द्वारा जगाधरी कुष्ठ आश्रम में किया गया भोजन वितरण
यमुनानगर, 19 अप्रैल (डा. आर. के. जैन):
श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर के तत्वाधान में जैन चैरिटेबल ग्रुप के सदस्यों द्वारा जगाधरी कुष्ठ आश्रम में भोजन वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमन सोई ने की तथा संचालन राजीव सूध ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ णमोकार महामंत्र का उच्चारण कर किया गया। जितेन्द्र सोही ने जानकारी देते हुए बताया कि जैन चेरिटेबल ग्रुप द्वारा प्रभु की कृपा से अनेक प्रकार धार्मिक व सामाजिक कार्य किये जा रहे है, इसी श्रंखला में ग्रुप द्वारा हर रविवार को असहाय व जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित करने का निर्णय लिया है और इसी कड़ी में यह भोजन वितरण कार्यक्रम ग्रुप सदस्यों के सहयोग से आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के समाज सेवा कार्य किया जाना हर प्रकार से शुभ सिद्ध होता है, क्योंकि इस प्रकार से जरूरतमंद व्यक्ति तक अन्न का दाना पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर धर्म में निस्वार्थ भाव से मानव सेवा को ही सबसे उच्च सेवा कहा गया है और समाज में बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें दो वक्त रोटी भी नसीब नहीं हो पाती है, ऐसे में भोजन वितरण कार्यक्रम का महत्व और भी बढ़ जाता है। पुनीत गोल्डी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान जरूरतमंदों के लिये भोजन के रूप में सब्जी, रोटी व मिठाई की व्यवस्था की गई, जिसको लगभग 60 लोगों ने ग्रहण किया। उन्होंने समाज से आग्रह करते हुये कहा कि यह बहुत ही पुण्य का कार्य है और सभी समाजों के लोगों को इसमें सहयोग देना चाहिए तथा अपने जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ, बच्चों के जन्मदिन व अपनों की पुण्यतिथि आदि अवसरों पर सहयोग दें ताकि यह कार्य निरंतर चलाया जा सके। इस अवसर पर प्रियंका अग्रवाल, अश्वनी, मुकेश नागपाल, विनोद अरोड़ा, अमन भण्डारी, पुनीत जैन, मोन्टी डांग, विकास जैन, पारस, शिवम, शुभम, यश, निपुन, रजत, के. के. जैन, नीरज जैन, सौरभ सैनी, अमित सुध आदि ने सहयोग दिया।
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जरूरतमंदों को भोजन वितरित करते पदाधिकारी……………(डा. आर. के. जैन)