“भारत श्री” राष्ट्रीय सम्मान 2023 एयर मार्शल, एयर फोर्स और लेफ्टिनेंट जनरल के हाथों पवनघुवारा को मिला सम्मान,

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7/8/2023 बुन्देलखण्ड के क्षेत्र में उत्कृष्ट सघर्ष के लिए पवनघुवारा जैन टीकमगढ़ को भारत ग्रो फॉउंडेशन द्वारा इंदौर में 6अगस्त को “भारत श्री राष्ट्रीय सम्मान” 2023 प्रदान किया गया सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि एयर मार्शल शशिकर चौधरी, विशेष अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल बी .एस. सिसोदिया इंडियन आर्मी, मुख्य सेलिब्रिटी बॉलीवुड स्टार मुस्ताख़ खान एवं टी वी स्टार सुनील थे गोरतलब है पवनघुवारा द्धारा बुन्देलखण्ड के समग्र विकास हेतु सतत् ऐतिहासिक संघर्ष किया,जहाँ विशेष पैकेज की राशि 3800 करोड़ में हुये भ्रष्टाचार, वह भी 29 विधानसभा क्षेत्रों के  06 जिलों ओर नो विभागों से अधिक मे सैकड़ों अनगिनत कामो में राशि का खुला दुरूपयोग  हुआ जिस की जांच हेतू हाईकोर्ट से आदेश कराकर  भ्रष्टाचार से सम्बंधित के साक्ष्य समपूर्ण क्षेत्रफल से जुटाने का कठिनतम कार्य किया एवं म.प्र.विजिलेन्स शासकीय विभाग को दिऐ जाचं कराई,और उक्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर भ्रष्टाचार परख कार्यवाही करने पर शासन को बाध्य करने का कार्य किया।
बुन्देलखण्ड से जुड़े जनहितार्थ मुद्दों पर अंचल के विकास हेतु गम्भीरत्म मुद्दों सहित बिन्दु बार लिखित मे परिस्थितियों से अवगत कराया जिससे बुन्देलखण्ड के पिछडे पन दूर किऐ जाने हेतू विषेश पैकेज की  राशि भी आई इतना ही नही  देश के सवोच्य माननीय जनो ने हालातों जनपीडा की आवाज को करीबी से आकर भी देखा । पवनघुवारा ने ‘‘लोक पाल बिल’’ प्रस्ताविते मुद्दे पर कई महत्वपूर्ण सुझाव भेजे केन्द्र सरकार के मंत्रालय द्धारा प्रशंसा की गई, मनरेगा योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार के निराकरण सुझाव दिये ,आपके निस्वार्थ कार्य अनको गम्भीरतम विषयों पर निरन्तर 9000 से अधिक पत्र वह भी सैकड़ों पेपर कटिंगो को विषयवार लगाकर साक्ष्य के साथ जनहितार्थ पत्र कहे या किताबें नुमा बनाकर लिख कर लगातार भेजा है , आम जन की तकलीफो को  प्रभावी तरीके से महामहिम राष्ट्रपति जी, राज्यपाल महोदय एवं मान्नीय उच्चतम न्यायालय तक हालातो को साक्ष्यों सहित भेजा सकारात्मक प्रत्युत्तर के माध्यम से समाधान भी सफलता पूर्वक करवाया।सम्मान समारोह के दौरान   *पवनघुवारा ने मुख्य अतिथि एयर मार्शल जी को बताया* *कि मे उस भूमि का भूमिपुत्र यहां आया जहाँ गरीब के कारणवश जनमानस घास कि रोटियां खाते ओर भष्टाचार इतना कि स्कूटरों पर पांच पांच टनों पत्थरों ढुलाई हो जाती है* ।
सादर प्रकाशनार्थ
पवनघुवारा

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