फागी संवाददाता
परम पूज्य भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका गुरुमां 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में उच्च राजकीय माध्यमिक विद्यालय गुन्सी निवाई में 26 जनवरी को 76 वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण एवं मंगल उद्बोधन का आयोजन किया गया कार्यक्रम में संघस्थ भैया प्रतीक जैन सेठी ने बताया कि विद्यालय के प्रिंसिपल राकेश अग्रवाल, प्रेमचंद अग्रवाल आदि शिक्षकों ने माताजी के चरणों में श्रीफल चढ़ाकर प्रवचन हेतु निवेदन किया। कार्यक्रम का मंगलाचरण विमल जौंला ने किया। इसके बाद विधालय के प्रिंसिपल राकेश अग्रवाल, वाईस प्रिंसिपल प्रेमचंद अग्रवाल, आत्मा राम सांवरिया, दीपचंद वर्मा ,रामगोपाल मीणा, पल्लवी पाराशर, सन्तोष गर्ग, पीटीआई संजय शर्मा शिक्षकों को आर्यिका माताजी ने स्मृति चिन्ह देकर आशीर्वाद दिया। इस दौरान निवाई जैन समाज के पदाधिकारी एवं सहस्रकूट विज्ञातीर्थ क्षेत्र के सदस्यगण यशबेंक के सहायक मेनेजर सोरभ सोगानी, विमल सोगानी, विमल जौला ,ज्ञानचंद सौगानी ,हितेश छाबड़ा ,अक्षांत जैन एवं विशुद्ध वर्धनी महिला मण्डल की प्रतिनिधि सुनिता जैन का विधालय परिवार द्वारा अतिथि सम्मान किया गया। संचालन बाबुडी़ मीणा एवं छीतरमल मीना ने किया।पूज्य गुरुमां ने बच्चों के लिए शिक्षाप्रद संकल्प दिए। उन्होंने कहा कि 1947 में भारत को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्रता मिली एवं गणतंत्र अर्थात अनुशासन की पद्धति से संविधान का आज जन्मदिन है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही विधार्थी को भगवान बनाता है। संविधान कानून या अनुशासन हमारे जीवन रुपी बगिया को निखारता है। उन्होंने कहा कि संविधान हमारा गौरव है। भारत माता की कोख से जन्मे हम सब बच्चे एकता के सूत्र में बंधकर ही देश को सबसे ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। एकता की छांव में ही शक्ति का अद्भुत उद्गम है। जलन ईर्ष्या हिंसा बैर विरोध यह सब अनेकता की ही हीनता है। उपस्थित समस्त बच्चे शिक्षक वर्ग एवं सामाजिक स्तर के लोगों के लिए पूज्य माताजी ने एक सूत्र दिया कि जीवन में कितनी भी परेशानी आए परंतु कभी भी आत्महत्या का भाव मन में नहीं लायेंगे। माता-पिता एवं गुरुजनों का कभी भी अपमान नहीं करेंगे। जीवन को स्वतंत्रता के साथ जिये लेकिन स्वच्छंद होकर नहीं। भारत देश विश्व शक्तिमान बन सकता है। आज हम भारत के भविष्य के बीच में बैठे हैं। हमें भविष्य कैसा बनाना है यह शिक्षक एवं गुरुजनों के ऊपर निर्भर करता है। श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्रकूट विज्ञातीर्थ में रविवार को दिल्ली लाल मंदिर से आए यात्रियों ने अतिशयकारी श्री शांतिनाथ भगवान की अभिषेक,शांतिधारा करने का सौभाग्य प्राप्त किया। जयपुर जैन समाज से महिला मंडल ने अतिशय क्षेत्र के दर्शनों का लाभ प्राप्त किया एवं पूज्य गुरु मां का मंगल आशीर्वाद भी उन्हें प्राप्त हुआ। प्रतीक जैन सेठी ने बताया कि गुरुभक्त प्रशांत शास्त्री ने अतिशयकारी श्री शांतिनाथ भगवान के चरणों में छत्र एवं चंवर चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त किया।
राजाबाबू गोधा जैन महासभा मिडिया प्रवक्ता राजस्थान