भारत – गारत की ओर अग्रसर – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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किसी भी देश का विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रधान मुखिया की आस्था पर निर्भर करता हैं .मुखिया का प्रभाव जनता पर पड़ता हैं और जनता की भावनाएं मुखिया पर पड़ता हैं .कोई भी मुखिया पूरे देश की जनता पर नियंत्रण नहीं कर सकता और जनता अपने मुखिया जो उसके कैबिनेट और विधायक सांसदों के क्रियाकलापों आचरण पर निर्भर करता हैं .
वैसे हमारे देश भारत की महिमा, इतिहास ,संस्कृति महान से महानतम रही हैं /थी और भविष्य वर्तमान से बनता हैं और वर्तमान का बहुत दुखद पहलु चिंतनीय /शोचनीय /शर्मनाक हैं ये कोई और नहीं कहने का साहस कर सकता हैं बल्कि जो जानकारियां /सूचनाएं मिली उसी से इस बात की पुष्टि हो रही हैं .
देश की सर्वोच्च पंचायत जिसे संसद कहते हैं जिसमे लोक सभा और राज्यसभा होती हैं और उसमे चुने हुए और निर्वाचित सांसद होते हैं और राज्यों में विधानसभा जिसमे विधायक होते हैं जो देश की विधायिका का कार्य सम्पादित करते हैं .जिसके नियंत्रण में न्यायपालिका और कार्यपालिका होती हैं .यानी संसद देश की भाग्य विधाता होती हैं .जितनी शुचिता से परिपूर्ण संसद और विधासभा होती हैं उसका प्रभाव जनता के साथ कार्यपालिका और न्यायपालिका पर पड़ता दिखाई देता हैं .
जितना हमारे प्रधान मंत्री भ्रष्टाचार समाप्त करने की दुहाई देते हैं उतनी अधिक भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा हैं .यह रोग प्राचीन हैं पर वर्तमान काल में यह चरमोत्कर्ष पर पहुँच चुकी हैं .
पहले जनता समाज के प्रमुख के पास जाकर निवेदन करती थी की आप हमारे सांसद /विधायक /पार्षद बने ,जबसे राजनीती सेवा की जगह व्यापार और अधिकार का मापदंड बना इस क्षेत्र में अकथनीय /अकल्पनीय गिरावट आयी हैं जो स्वाभाविक हैं .आज सांसद /विधायक /पार्षद जनता के ऊपर जबरन आकर साम दाम दंड भेद अपनाकर जीतते हैं और उस चुनाव में खर्च की गई रकम जो करोड़ों में होती हैं वसूलते हैं और उसके बाद वे कितने बड़े जनसेवक कहलाते हैं जो इस रिपोर्ट में देखने मिली .
ना केवल हत्या ,बलात्कार ,जमीन हथियाना से लेकर जितने भी अपराध की श्रेणियाँ होती हैं उससे युक्त होते हैं .इन गुणों के कारण वे बाहुवली .गैंगस्टर ,माफिया जो भी नाम देना चाहो उन्हें मंजूर हैं .कारण ये पद सदा सुहागन होते हैं ये डोली में आते हैं और कन्धों पर जाते हैं .रिपोर्ट —
— देश के मौजूदा 4001 विधायकों की कुल संपत्ति 54,545 करोड़ रुपये है, जो नागालैंड, मिजोरम और सिक्किम के 2023-24 के संयुक्त सालाना बजट से कहीं ज्यादा है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) और ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ (एनईडब्ल्यू) ने चुनाव से पहले इनके (विधायकों) द्वारा दाखिल हलफनामे से यह आंकड़े जुटाए हैं. रिपोर्ट में बताया कि 4033 विधायकों में से 4001 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया. प्रति विधायक औसत संपत्ति 13.63 करोड़ रुपये है. इन 4001 विधायकों में निर्दलीय और 84 राजनीतिक दलों से जुड़े विधायक हैं.
बड़े दलों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 1356 विधायकों में प्रति विधायक औसत संपत्ति 11.97 करोड़ रुपये, कांग्रेस के 719 विधायकों में प्रति विधायक औसत संपत्ति 21.97 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस के 227 विधायकों में प्रति विधायक औसत संपत्ति 3.51 करोड़ रुपये, आम आदमी पार्टी के 161 विधायकों में प्रति विधायक औसत संपत्ति 10.20 करोड़ रुपये और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के 146 विधायकों में प्रति विधायक औसत संपत्ति 23.14 करोड़ रुपये पाई गई है.
देश के सबसे अमीर विधायक के पास 1,400 करोड़ की संपत्ति और ‘सबसे गरीब’ के पास 2,000 रुपये भी नहीं
मध्यप्रदेश के लिहाज से एडीआर की रिपोर्ट में जिक्र है कि एमपी के 41 फीसदी माननीय दागी हैं। 21 फीसदी माननीय तो ऐसे भी हैं जिन पर गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। मध्यप्रदेश में 4 महीने बाद चुनाव होने हैं। एक बार फिर माननीयों के चरित्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एडीआर की रिपोर्ट बता रही है कि मध्यप्रदेश के 41 फीसदी माननीयों यानि 230 विधायकों में से 94 विधायकों पर क्रिमिनल केस रजिस्टर्ड हैं। जबकि 21 फीसदी ऐसे भी माननीय हैं जिन पर गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
एनालिसिस में महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित परेशान करने वाले आंकड़े भी सामने आए। जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है, कुल 114 विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें से 14 ने विशेष रूप से बलात्कार (भादंसं की धारा-376) से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
राज्य विधानसभाओं में प्रति विधायक औसत संपत्ति 13.63 करोड़ रुपये पाई गई। हालाँकि, घोषित आपराधिक मामलों वाले विधायकों की औसत संपत्ति 16.36 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि बिना आपराधिक मामलों वाले विधायकों की औसत संपत्ति 11.45 करोड़ रुपये है। विश्लेषण से संबंधित 4,001 विधायकों में से 88 (दो प्रतिशत) अरबपति पाए गए, जिनके पास 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। इसमें कर्नाटक शीर्ष पर है जहां 223 में से 32 विधायक (14 प्रतिशत) अरबपति हैं।
बिहार में 73 फीसदी दागी
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, केरल के बाद बिहार में सबसे ज्यादा दागी सांसद हैं। बिहार के 56 सांसदों में से 41 (73 फीसदी) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 37 (57 फीसदी) दागी हैं। तेलंगाना में 24 में से 13 (54 फीसदी), दिल्ली के 10 सांसदों में से पांच (50 प्रतिशत) सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 108 सांसदों में से 37 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बिहार में 28 सांसदों, तेलंगाना के नौ, केरल के दस, महाराष्ट्र के 22 सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
राजद में सबसे ज्यादा दागी सांसद
रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की सत्ताधारी पार्टी राजद में सबसे ज्यादा दागी सांसद हैं। राजद के छह में से पांच सांसद दागी हैं। दूसरा नंबर वामपंथी पार्टी का है, जिसके आठ सांसदों में से छह के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 385 सांसदों में से 139 दागी हैं। कांग्रेस के 81 में से 43, टीएमसी के 36 में से 14, आप के 11 में से तीन, वाईएसआर कांग्रेस के 31 में से 13, एनसीपी के आठ में से तीन सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सभी सांसद करोड़पति
संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा के हर सदस्य के पास औसतन 38.33 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इस तरह हमारे देश का हर सांसद करोड़पति है। वहीं 53 सांसद अरबपति हैं, जो कुल सांसदों के 7 फीसदी हैं। तेलंगाना के सांसद सबसे ज्यादा अमीर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के 24 सांसदों की औसतन संपत्ति 262.26 करोड़ रुपये है। इसके बाद आंध्र प्रदेश के सांसदों की औसत संपत्ति 150.76 करोड़ रुपये, पंजाब के सांसदों की औसत संपत्ति 88.94 करोड़ रुपये हैं।
उक्त रिपोर्ट के आधार पर आगामी विधान सभा और लोकसभा चुनावों के समय जो प्रत्याशी जो हलफनामा भरते हैं उनका प्रकाशन स्थानीय स्तर के समाचार पत्रों ,टी वी न्यूज़ से जानकारी प्रसारित करे ,वोटिंग केंद्रों के पास भी जानकारी प्रदर्शित किया जाय .स्थानीय जनता उनकी जानकारी से पता लगा सकेंगे की इनकी आमदनी बढ़ने का क्या हैं .इसके अलावा स्थानीय स्तर पर सार्वजनिक स्थानों पर बड़े बड़े पर्दों में उनके द्वारा कैसा व्यवहार और क्रिया कलाप विधान सभा ,संसद में किया गया हैं .जिससे समाज को पता चले की हमारे द्वारा चुने गए प्रत्याशी का चाल चरित्र कैसा रहा .इससे चुनाव करते समय शुचिता हो सकेंगी .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संस्थापक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट ,होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

 

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