भक्ति की शक्ति में देखा चमत्कार श्रद्धालुओं ने लगाई जय जय कार दो हजार फीट नीचे गिरने के बाद भी नहीं गई जान नहीं लगी चोट

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जीवन में सच्ची आस्था ही जीवन को जीवंत कर देती हैं। आपके जीवन में यदि परमात्मा के प्रति पूर्ण आस्था, भक्ति, श्रद्धा, लगन, समर्पण है तो वो आपके दुख दर्द पीड़ा में जरूर मदद करेंगे यह सार्वभौमिक सत्य है। अभी हाल में गुजरात के जुनागढ़ स्थित भगवान नेमीनाथ के तप त्याग और साधना की पावन भूमि तीर्थ राज गिरनार जी में जो घटना घटी उसने हर प्राणी को सोचने को मजबूर कर दिया कि कभी दो हजार फीट की खाई की गहराई में गिरने के बाद भी व्यक्ति जीवित बच सकता है उस प्राणी के किसी भी प्रकार की कोई चोट नही लगती है। क्या ये संभव है हां ये संभव है।ये परमात्मा के प्रति भक्ति की शक्ति ही है। इसमें कोई संदेश नहीं किया जाएगा। तीर्थराज गिरनार जी की भाव पूर्ण वंदना करके लोट रहे मदन मोहन जी जैन रास्ते में प्यास लगने पर झरने का पानी पीने के लिए उतरते है और उनका पैर फिसल जाता है और वो दो हजार फीट नीचे खाई में आकर गिर जाते है । 48 घंटे तक उनके शरीर पर जहरीले नागराज जीव जंतु निकलते रहते रहे नीचे से शेर चीताओ के झुंड गुजरते गए।पहाड़ी और भी नीचे गहरी थी। ये बीच में अटक गए थे। मदन मोहन जी जैन पारस नाथ भगवान का स्मरण करते रहे और जब उनको एन डी आर एफ टीम ने बचाया । तब उन्होंने समस्त घटनाक्रम की जानकारी लोगो को प्रदान की। जिस जगह से करोड़ों जीवो ने संसार शरीर और भोगों से दूर होकर जीवन में सयंम धारण करके तप ,त्याग, और साधना के द्वारा संसार बंधन से छूट कर मोक्ष को प्राप्त कर लिया ऐसे पवित्र पावन तीर्थ स्थल पर कोई अनहोनी घटना कदापि नहीं घट सकती है। आज गिरनार जी तीर्थ को लेकर समस्त जैन समाज बहुत चिंतित है। आज तक इतिहास में जैन समाज के लोगो ने कभी किसी धर्म धर्मायतन पर कब्जा नहीं किया तो फिर जैन समाज के तीर्थों स्थलों पर ऐसा क्यों किया जाता है मेरी समझ में नहीं आ रहा है ।संपूर्ण भारत में जितने भी तीर्थ क्षेत्र अतिशय क्षेत्र सिद्ध क्षेत्र है उनकी प्राचीनता ऐतिहासिकता पुरात्वता प्रमाणिकता बचाए रखने के लिए उनके चारो ओर बाउंड्री वाल करवाना चाहिए। तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ तीर्थों पर बाउंड्री वाल कराओ।
प्रस्तुति
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा
9414764980

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