भक्तांबर स्तोत्र का मंडल विधान 48 दिवसीय

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निर्जला उपवास मुनि सविज्ञसागर द्वारा 48 दिवसीय करने समाज द्वारा मंडल विधान किया
नैनवा जिला बूंदी 5 सितंबर शनिवार
भगवान महावीर जिनालय पर प्रातः 8:00 बजे भगवान का अभिषेक शांति धारा पूजन एवं भक्तामरस्तोत्र मंडल विधान संपन्न हुआ
मंडल विधान में 100 से ऊपर लोग बाहर गांव से धर्म लाभ लेने पहुंचे
जैन मुनि श्रुतेशसागर महाराज ने बताया जैसी गति वैसी मति होती है
जैन मुनि ने नैनवा में सुविज्ञ सागर जी महाराज ने तप साधना कर 48 उपवास निर्जरा करने पर नैनवां को तीर्थ स्थान का नाम संबोधित किया
मुनि ने यह भी बताया जिस नगर शहर में 10 जिनालय बने हुए हैं यह स्थान तीर्थ क्षेत्र से कम नहीं है
पके हुए फलों को सभी खाना चाहता है कच्चे हुए फलों को कोई खाना पसंद नहीं करता इस प्रकार अपने मन में निश्चय बनाने पर ही धर्म सार्थक होगा बुरे काम करने पर निश्चित रूप से नरक गति में जीव को जाना ही होगा
एकांत स्थान पर बैठकर ईश्वर का ध्यान स्मरण करने से मन में ईश्वर की भक्ति के भाव निश्चित रूप से उत्पन्न होते हैं जिन नगरों में मुनि आते हैं उन्हें समय निकालकर समय का सदुपयोग करना चाहिए और धर्म का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए धर्म ही संसार से तिराने वाला एक शस्त्र मुनि ने बताया
भक्तामर स्तोत्र में 48 श्रीफल चढ़ाए गए सभी कार्य प्रतिष्ठाचार्य नरेंद्र कुमार शास्त्री द्वारा संपन्न कराया गया
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर कुमार सरावगी नैनवा

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