दीमापुर: प्रभु के नाम स्मरण मे और भगवान की भक्ति में इतनी शक्ति है कि कोई भी शस्त्र हमारा घात नहीं कर सकता हैl उन्होंने कहा कि हिंसा को हिंसा से कभी समाप्त नहीं किया जा सकता। हम देख रहे हैं कि शस्त्रों की मारक शक्ति दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैl यह दुनिया एटम बमों के ढेर पर बैठी है। जिससे पूरे विश्व पर खतरा मंडरा रहा हैl ऐसे में अहिंसा ही वह माध्यम है जिससे इस विश्व को प्रलय से बचाया जा सकता हैl यदि जन-जन प्रभु भक्ति से जुड़ जाए तो संसार का कल्याण हो जाएगा। क्योंकि वह हिंसा से विमुख होकर अहिंसक मार्ग अपना लेगा l सच्चे हृदय से की गई प्रभु की भक्ती किसी भी अन्य ढाल या बुलेट प्रूफ जैकेट से भी बढ़कर है ।आज के समय में हमें शस्त्रो से उतना खतरा नहीं है ,पर हमारी सभ्यता और संस्कृति पर जो खतरा मंडरा रहा है। वह सबसे अधिक खतरनाक है और विचारणीय है। यह उक्त बातें दीमापुर के दिगंबर जैन मंदिर में विराजित आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने भक्तामर महामंडल विधान के 43वें श्लोक में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि आदिनाथ भगवान की भक्ति से मानतुंग ने अपनी सभी तरह कि बेडिया तोड़ डाली थी। उसी तरह हम लोग भी प्रभु की भक्ति से हर शस्त्र से,चाहे वह वचन का शस्त्र हो,दुष्ट संस्कृति का शस्त्र हो या घातक शस्त्र हो, हर शस्त्र के प्रहार से अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैंl।
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