भक्तामर विधान में 48 मंत्रों के साथ प्रभु को अर्पित किये 48 दीपक

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भक्तामर पाठ ध्यान व भक्ति से करने पर होता है कष्टों का निवारण- पं. शीलचंद
यमुनानगर, 13 जून (डा. आर. के. जैन):
श्रुत पंचमी के शुभ अवसर पर जैन नगर श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर के सभागार में गिरीराज स्वरूप जैन परिवार के सौजन्य से 48 दीपों का भक्तामर अचर्ना का विधान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजय जैन ने की तथा संचालन पं. शीलचंद जैन ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ णमोकार महामंत्र के गुन्जन व दीप प्रवज्जलन कर किया गया। पं. शीलचंद जैन ने बताया कि तीर्थंकर महावीर की वाणी लिपिवृद्ध कर जन-जन तक पहुँचाने का महान दिन आज से 1867 वर्ष पूर्व ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी के दिन भगवान महावीर के उपदेशों को श्रवण के आधार पर षट्खण्डागम ग्रंथ के रूप में लिपिवृद्ध करके वर्तमान एवं भावी पीढिय़ों के लिये सुरक्षित किया गया था। आज के दिन को श्रुत पंचमी के नाम से जाना जाता है। यह दिवस जैन धर्मावलंबियों के लिये जन-जन तक धर्म ज्ञाप पहुँचाने का एक प्रयोजनीय दिन है। श्रुत वाणी प्रथम गणधर इंद्रभूति गौतम से शुरु होकर अंतिम केवली जम्बू स्वमाी एवं अंतिम श्रुत केवली भाद्रभाहू तक निरंतर प्रवाह मान होती रही। उन्होंने बताया कि स्वास्तिक माण्डले पर 48 दीपों से भक्तामर अचर्ना व अराधना की गई। उन्होंने बताया कि प्रत्येक श्लोक-मंत्रों के साथ भिन्न-भिन्न परिवारों के द्वारा प्रभु जी को दीपक अर्पित किया गया। इसमें सर्वविद्यन विनाशक, सर्व सिद्धि दायक, जल-जन्तू भयमोचक, नेत्ररोग संहारक, सरस्वती विद्या प्रसारक, सर्व संकट निवारक, सिर्वारिष्ट योग निवारक, भय-पाप नाषक, कूकर विष निवाकर, वांछित रूप प्रदायक, लक्ष्मी सुखदायक, आधि-व्याधि नाशक, सम्मान-सौभग्य संवर्धक, दिव्य ध्वनि प्रतिहार्य, लक्ष्मी प्रदायक, जलोदरादि रोग विनाशक आदि काव्यों के साथ आराधना की गई। स्नेहलता जैन ने संबोधित करते हुये कहा कि भक्तामर विधान एक अनोखी विधा है, जिसको भिन्न-भिन्न रंग रूप में पाया जाता है। इसके अध्ययन व पाठ से इसका चमत्कार देखने को मिलता है। भक्तामर का पाठ ध्यान व भक्ति से करने पर कष्टों का निवारण होता है, दुखों की समाप्ती होती है। इसका प्रभाव सभी कष्टों को मिटा जीवन को सुखमय व शांतिमय बनाता है। उन्होंने आगे कहा कि भगवान किसी को कुछ नहीं देते, परंतु भगवान की भक्ति सब कुछ दे देती है। पुण्य रूपी सुगंध से भक्तों के मन खिल जाते है। आत्मा रूपी वृक्ष से लिपटे हुये कर्म रूपी बंधन खुल जाते है। आदिनाथ स्त्रोत जो भक्ति रस का अद्वितीय महाकाव्य है उसकी रचना उस समय हुई जब राजा भोज के दरबार में कवि कालीदास तथा वररूची ने साम्प्रदायिकता वश आचार्य प्रवर मानतंगु को राजा की आज्ञानुसार पकड़वाकर 48 तालों के अंदर कोठरियों में बंद करवा दिया उस समय आचार्य श्री ने आदिनाथ स्त्रोत की रचना की। स्त्रोत के प्रभाव से ताले व जंजीरे अपने आप टूट गये और वह मुक्त हो गए। अंत में राजा ने हार स्वीकार कर आचार्य से क्षमा मांगी और आचार्य श्री से प्रभावित होकर जैन धर्म अपना लिया। उन्होंने आगे बताया कि स्वास्तिक चिन्ह पर 48 दीपों से भक्तामर अर्चना की गई, और प्रत्येक श्लोक के साथ दीप जला करा प्रभु को अर्पित किया गया। पाठ के उपरांत आरती की गई। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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पाठ करते व आरती करते श्रद्धालु……………(डा. आर. के. जैन)

ढाई दिन में निगम ने नष्ट किया काला कबाड़ी का करोड़ों रुपये का साम्राज्य
नगर निगम की टीम ने लगातार कार्रवाई कर काला कबाड़ी की नौ संपत्तियों को किया नष्ट
पत्नी पर फायरिंग करने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया तो कई आपराधिक मामलों का हुआ था खुलासा
आरोपी काला कबाड़ी फायरिंग, वाहन चोरी, वेश्यावृत्ति समेत कई मामलों में पहले से है जेल में बंद
यमुनानगर, 13 जून (डा. आर. के. जैन):
अवैध कार्यों में लिप्त नरेश वर्मा उर्फ काला कबाड़ी द्वारा बनाई नौ संपत्तियों को नगर निगम की टीम ने ढाई दिन में ध्वस्त कर दिया। लगातार चली निगम की कार्रवाई के दौरान काला कबाड़ी की बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों को निगम ने कबाड़ कर दिया। निगमायुक्त आयुष सिन्हा के निर्देशों पर ए. टी. पी. एवं निगम अभियंता कुलदीप यादव के नेतृत्व में बनी टीम ने सोमवार से शुरू की कार्रवाई को बुधवार दोपहर 12 बजे तक पूरा कर लिया। आरोपी काला कबाड़ी ने अधिकतर संपत्तियां व्यावसायिक कार्यों के लिए अवैध रूप से बनाई हुई थी। नगर निगम ने इस बारे आरोपी काला कबाड़ी को कई बार नोटिस जारी किया था। जवाब न देने पर उसकी संपत्तियों को नष्ट करने का भी अंतिम नोटिस जारी किया गया। जिसके बाद पुलिस प्रशासन की मदद से निगम द्वारा जे. सी. बी. व बुल्डोजर की मदद से इन संपत्तियों को ढहाया गया। बता दें कि आरोपी नरेश वर्मा उर्फ काला कबाड़ी पर उसकी पत्नी ने फायरिंग करने व मारपीट करने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी काला कबाड़ी पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। जिसमें बाद काला कबाड़ी के अवैध धंधे का खुलासा हुआ था। आरोपी काला कबाड़ी उर्फ नरेश वर्मा व उसके भाई सोनू फायरिंग करने के साथ-साथ अवैध वसूली व अवैध रूप से हथियार रखने के मामले में जेल में है। कुछ दिन पहले नगर निगम ने उसकी अवैध संपत्ति पर नोटिस चस्पा दिए थे। इन नोटिसों के बाद संपत्ति ढहाने का नोटिस दिया गया था। अब नगर निगम द्वारा उसकी संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है। नगर निगम के ए. टी. पी. एवं सहायक अभियंता कुलदीप यादव ने बताया कि काला कबाड़ी ने नौ संपत्तियों को अवैध रूप से बनाया हुआ था। आरोपी ने यह संपत्तियों अवैध रूप से निगम एरिया में बनाई हुई थी। पिछले दिनों काला कबाड़ी को जारी नोटिस में पूछा गया था कि उसने संपत्ति कैसे खरीदी। साथ ही संपत्ति पर हुए निर्माण का नक्शा पास है या नहीं। निगम रिकॉर्ड की जांच में सामने आया कि जिस जगह पर उसकी संपत्ति है। वह नगर निगम के रिकॉर्ड में अवैध है। इसलिए सोमवार से निगम ने उसकी संपत्तियों को नष्ट करना शुरू किया। निगम की ये कार्रवाई लगातार चली। आरोपी ने कबाड़ी का काम, जिम, डेयरी, पी. जी. व अन्य व्यवसाय करता था। आरोप है कि आरोपी वेश्यावृति के अवैध धंधे में भी लिप्त था। उनकी टीम ने काला कबाड़ी की रामपुरा में ग्रीन पार्क, सौभाग्य रिजॉर्ट के पास, गधौली कॉलोनी, जगाधरी सेक्टर 17 समेत नौ स्थानों पर बनाई अवैध संपत्तियों को जे. सी. बी. की मदद से गिराया। बुधवार दोपहर 12 बजे तक उन्होंने उसकी सभी नौ संपत्तियों को पूरी तरह नष्ट कर दिया।
फोटो नं. 3 व 4 एच.
काला कबाड़ी की संपत्ति को ढहाती निगम की जे. सी. बी. व निगम की टीम द्वारा ध्वस्त की गई काला कबाड़ी की अवैध संपत्ति…………..(डा. आर. के. जैन)

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