भक्त का पुण्य उदय होने पर ही गुरु के दर्शन होते हैं

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परम पूज्य, प्रवचन केसरी, मुनि श्री 108 विश्रांत सागर जी
13 जनवरी सोमवार ग्राम तेवरी जिला कटनी में विश्रांत सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश हुआ
महाराज ससंघ का पहाड़ी से हुआ मंगल विहार एवं शाम को तेवरी जिला कटनी में हुआ मंगल प्रवेश,🙏
श्री ने अपने मंगल प्रवचन में कहा है कि गुरुओं के दर्शन पुन्य उदय से प्राप्त होते हैं ,जिनका तीव्र पुण्योदय होता है उन्हीं को गुरु के दर्शन मिल पाते हैं जिनका तीव्र पाप कर्म का उदय होता है उनको गुरुओं के दर्शन नहीं मिल पाते हैं गुरु के दर्शन करने के भाव भी नहीं हो पाते हैं उनका अनादर करने के ,उनकी निंदा करने के भाव होते हैं इसलिए आप लोग अपना पुन्य कर्म का उदय समझना कि तेवरी में निरंतर मुनिराजों का आगमन होता रहता है, आप लोगों ने पूर्व भव में कोई तीव्र पुण्य कर्म का बंध किया होगा आप अपने इस सौभाग्य को दुर्भाग्य में मत बदलना बल्कि सौभाग्य समझकर गुरुओं की निरंतर सेवा करना, मुनि श्री आगे कहा है आज कि मुनिराज को आप भगवान समझ करके आहार देना उनकी सेवा करना मुनिराज को आहार देते समय या सेवा करते समय यह चिंतन करना कि मैं बनने वाले भगवान को आहार दे रहा हूं ,जब मुनिराज भगवान बन जाएंगे और आप देव पर्याय में रहेंगे और उनकी आराधना करने आएंगे तब आपको अपने अवधि ज्ञान से पता चल जाएगा कि जब यह मुनि अवस्था में थे तब मैंने इन्हें आहार दिया था, अब यह भगवान बन चुके हैं मेरा परम सौभाग्य था ,इसलिए मुनिराजों को निरंतर आहार दान देते रहना, उनकी सेवा करना करते रहना और अपनी मनुष्य पर्याय को सफल करना इसी में तुम्हारा कल्याण है ,अभी मुनिराज ससंघ तेवरी नगर में विराजमान हैं कटनी से 25 किलोमीटर एवं जबलपुर से 65 किलोमीटर दूरी हाईवे रोड पर स्थित है , इस पंचम काल में मुनि का आशीष सबसे बड़ा उपहार मुनि ने बताया
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान में

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