भगवान राम जैसे हमें सजने- संवरने का प्रयास करना चाहिए: आचार्य प्रमुख सागर

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गुवाहाटी : फैंसी बाजार स्थित भगवान महावीर धर्म स्थल में विराजित आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष में रविवार को एक धर्म सभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या एक ऐसा तीर्थ है जो जैन धर्म में शाश्वत तीर्थ है। जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों का जन्म भी अयोध्या में हुआ है। और भगवान राम का जन्म भी अयोध्या में हुआ है। भगवान राम में 24 भगवान पुरे समाहित हो तो कोई आचार्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि राम के पहले अक्षर र: से रिषभनाथ होता है और म: से महावीर होता है। राम-राम जपने से 24 तीर्थंकरों की वंदना होती है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है। आज हर शहर, हर गली, हर मोहल्ला, हर घर दीपों से सज रहा है। वैसे ही हमें अपने मन को भी सजने-संवारने का प्रयास करना चाहिए। भगवान राम को हमें अपने जीवन में स्थान देना चाहिए और अहिंसा परमो- धर्म को आगे बढा़ने का प्रयास करना चाहिए। मालूम हो कि सूर्य पहाड़ अतिशय क्षेत्र की 24 वेदी का कार्य अतिशीघ्र संपूर्ण हो जाएगा। जिसका पंचकल्याणक महोत्सव आगामी 26 जनवरी से गुवाहाटी में आयोजित होगा। प्रचार प्रसार के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी ने बताया कि पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के सभी मुख्य पात्रों, इन्द्र- इन्द्राणियों, सामान्य इन्द्र- इन्द्राणियों, सहभागी सभी पात्रों एवं मूर्ति स्थापित करने वाले सभी सौभाग्यशाली परिवारों का रविवार को भगवान महावीर धर्म स्थल मे सकल‌ दिगम्बर जैन समाज की ओर से सामाजिक अभिनन्दन किया गया एवं इस अभिनन्दन समारोह में सन् 2016 में गुवाहाटी में संपन्न हुए पंचकल्याणक के सभी पात्रों को भी आमंत्रित किया गया। प्रचार-प्रसार के सहसंयोजक सुनील कुमार सेठी ने बताया कि इस अवसर पर समाज के गनमान्य लोगों के अलावा काफी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित।।

सुनील कुमार सेठी
प्रचार प्रसार विभाग,
श्री पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति, गुवाहाटी (असम)

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