कोटा आर के पुरम स्थित परम पूज्य जंगल वाले बाबा मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा से निर्मित शनि अरिष्ट निवारक मुनिसुव्रतनाथ दिंगबर जैन त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर में हर्षौल्लास के वातावरण में विगत दस दिनों तक दस लक्षण पर्व के पावन सुअवसर पर विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ मनाया गया।जैन धर्म दर्शन के विद्वान पंडित अभिषेक शास्त्री दमोह ने दस लक्षण विधान में अपनी अनोखी परिचित शैली में संगीत की सुमधुर धुनों के साथ चार चांद लगा दिए। श्रद्धालुओं खूब भक्ति भाव ओर श्रद्धा के साथ नृत्य किया। मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन बताया कि दिनांक 8 सितंबर को प्रातः नित्य अभिषेक शांति धारा पूजन के बाद दस लक्षण पर्व समापन पर एक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।इसमें सबसे अच्छी बात यह रही कि जो मंदिर के माली ओर पुजारी है उनका सबसे पहले अभिनंदन किया गया। ये लोग सुबह 4 बजे से ही मंदिर की व्यवस्थाओ में लग जाते थे। उसके बाद सबसे बड़ी यह रही कि जो मंदिर की नींव से जुड़े थे उन श्रद्धालुओं बुलाकर उनकी सेवाओं को देखते हुवे उनका भाव भीना अभिनंदन किया गया। मंदिर समिति के महामंत्री अनुज गोधा ओर कार्याध्यक्ष प्रकाश जैन ने बताया कि इस अवसर पर जैन समाज आर के पुरम की युवा प्रतिभाओं है उनका भी सम्मान किया गया। मंदिर समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन “पार्श्वमणि” और उपाध्यक्ष लोकेश जैन बरामुंडा ने बताया कि दस लक्षण के 10 उपवास 5 उपवास 3 उपवास की साधना करने वाले श्रद्धालुओं का भी भावभरा अभिनंदन किया गया। मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष ज्ञानचंद जैन एवं संयोजक पंकज जैन ने बताया कि इस अवसर पर अमोलक चन्द जैन रूप चंद जैन विनोद जैन टोरडी जय कुमार जैन डॉक्टर निलेश जैन पदम जैन पवन जैन संजय जैन राजेश जैन भागचंद मित्तल मुकेश पपड़ीवाल पी सी जैन सुनील ठोरा महावीर जैन चंदेश जैन इत्यादि श्रेष्ठिजन उपस्थित थे।
प्रस्तुति
पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार कोटा 94146764980
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