– महावीर जयंती पर उमड़ा जनसैलाब
-मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे, वीर आएंगे, आएंगे वीर आएंगे
बूंदी, 11 अपै्रल। पूरी दुनिया को जीओ और जीने दो तथा पांच महाव्रतों का पालन करने का संदेश देने वाले विश्व वंदनीय भगवान महावीर स्वामी का 2624वां जन्म कल्याणक महोत्सव (जन्म जयंती समारोह) छोटी काशी बून्दी मंे आर्यिका 105 सत्यमति माताजी एवं आर्यिका 105 हेमश्री माताजी के सानिध्य में धूमधाम से मनाया गया।
मुख्य आयोजन सकल जैन समाज के तत्वावधान में चौगान जैन नोहरा परिसर में हुआ। शोभायात्रा मल्लाशाह के मंदिर से दोपहर 1ः30 बजे प्रारम्भ हुई जिसमें सबसे आगे बालक घोड़ी पर जैन धर्म की ध्वजा लेकर चल रहा था। सुमन जैन कासलीवाल के तत्वावधान में सुंदरवीर पाठशाला के नन्हें मुन्ने बालक बालिकाएं भगवान महावीर स्वामी के संदेशों की तख्तियां लेकर चल रहे थे। उसके पीछे महिलाओं का नमोस्तो जयघोष बैण्ड आकर्षण का केन्द्र रहा। शोभायात्रा सूरजपोल, सोत्यापाड़ा होते हुए नाहर का चौहट्टा पर स्थित बुलबुल के चबूतरे पर जैसे ही पहुंची वहां पर अन्य समाज के लोगों ने पुष्प वर्षा करके स्वागत किया। शोभायात्रा तिलक चौक, सदर बाजार, चौमुखा बाजार, नागदी बाजार, मीरांगेट, अहिंसा सर्किल, कोटा रोड़ होते हुए चौगान जैन नोहरा परिसर पर पहुंची। शोभायात्रा में आजाद बैण्ड भगवान महावीर के मधुर स्वर लहरियों से मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे, वीर आएंगे, आएंगे वीर आएंगे, त्रिशला का लाल महावीर, देना है तो दीजिए जन्म जन्म का साथ जैसे भजनों को गाते चल रहे थे।
शोभायात्रा में रमेश पाटोदी, रमेश बड़जात्या, मनीष चांदवाड़, आदित्य भंडारी, ओमप्रकाश बडजात्या भगवान महावीर के नारे जिओ और जीने दो, त्रिशला नंदन वीर की जय बोलो महावीर की के नारे लगा रहे थे जिससे बून्दी शहर का परकोटा गुंजायमान हो गया। जैन गजट संवाददाता रविन्द्र काला का मशक बैण्ड के साथ छतरी नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा।
शोभायात्रा जैसे ही चौगान जैन नोहरा परिसर पर पहुंची धर्मसभा मंे परिवर्तित हो गई। धर्मसभा में आचार्य प्रज्ञासागर महाराज की धर्मप्रभावक शिष्या आर्यिका सत्यमति माताजी ने कहा कि भगवान महावीर का आज के दिन अवतरण हुआ है। उसके बाद किसी भी तीर्थंकर का अवतरण नहीं हुआ। तीर्थंकर व्रति के उदय से संसार के करोड़ों जीवों का उपकार होता है। भगवान महावीर स्वामी के पांच महाव्रतों का पालन करने पर ही भगवान की जयंती मनाना सार्थक है।
इससे पूर्व आर्यिका हेमश्री माताजी ने धर्मसभा में कहा कि भगवान महावीर स्वामी को शुक्लध्यान की अंतिम अवस्था में चारों घातिया कर्मों का क्षय होकर केवलज्ञान प्रगट हुआ। वर्तमान में तापमान को संतुलित करने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का आव्हान किया।
रथयात्रा पर भगवान के कवासी बनने का सौभाग्य पारस कुमार चाहत कुमार सोगाणी, सारथी श्यामसुंदर-संजय कुमार जैन, भगवान के चंवर रामविलास विकास मित्तल एवं कमल कुमार को प्राप्त हुआ। भगवान के शांतिधारा करने का सौभाग्य मनोज कुमार जैन अलोद वाले, माल की बोली पहनने का सौभाग्य कैलाशचंद कपिल कुमार पाण्ड्या को प्राप्त हुआ। सभी धार्मिक क्रियाएं पंडित सुरेश कुमार सोनी ने संपन्न कराई। माताजी के पाद प्रक्षालन एडवोकेट महेन्द्र जैन वेद, शास्त्र भेंट कैलाशचंद शाह परिवार को प्राप्त हुआ।
भगवान की शोभायात्रा में सकल जैन समाज के अध्यक्ष संजय जैन, मंत्री महावीर धनोप्या, कोषाध्यक्ष रामविलास जैन, संयोजक ओमप्रकाश ठग, संरक्षक त्रिलोकचंद जैन, बघेरवाल प्रांत के केन्द्रीय अध्यक्ष महेन्द्र हरसौरा, सिलोदय तीर्थक्षेत्र के अध्यक्ष टीकम जैन, श्रीमाल जैन समाज के अध्यक्ष सुमति प्रकाश जैन, श्वैताम्बर समाज से प्रकाश महात्मा, प्रताप छाजेड़, विमल भण्डारी, महावीर जैन पाटन वाले, प्रदीप हरसौरा, महिला मण्डल की अध्यक्षा चंद्रेश छाबड़ा, सरावगी समाज के जिला मंत्री राजेन्द्र छाबड़ा, खण्डेलवाल सरावगी समाज के अध्यक्ष संतोष पाटनी, मंत्री योगेन्द्र जैन, एडवोकेट पदम कुमार कासलीवाल, कोषाध्यक्ष रोबिन कासलीवाल, वरिष्ठजन समिति के अध्यक्ष बिरधीचंद छाबड़ा, कैलाशचंद पाटनी, टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश जैन बाकलीवाल सहित समाज के महिला-पुरुष शामिल थे।
रविन्द्र काला
जैन गजट संवाददाता, बून्दी
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