भगवान महावीर के दर्शन आज भी प्रासंगिक: भागवत स्वराज जैन , नई दिल्ली

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भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण कल्याण महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के तत्वावधान में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। समारोह का शुभारंभ दीपप्रजजवलन तथा मंगलाचरण द्वारा हुआ। श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गजराज जैन गंगवाल, भगवान महावीर मेमामेरियल के अध्यक्ष श्री कैन्हयालाल जैन, श्री संवेग लाल भाई, श्री सुखराज सेठिया, श्री सत्यभूषण जैन तथा अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवजन कर समारोह का शुभांरभ किया। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गजराज जैन गंगवाल ने कहा कि भगवान महावीर ने कहा कि भगवान महावीर के उपदेशों पर अमल कर ही विश्व को शांति के मार्ग पर अग्रसरित किया जा सकता है। हम सभी को भगवान महावीर के उपदेश सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह को अपने जीवन में अपनाना चाहिये। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में विज्ञान भवन में आयोजित भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव के अवसर पर सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि प्राचीन काल से वैदिक और श्रमण परंपरा साथ-साथ चलती आई है। दोनों ने एक-दूसरे से बहुत कुछ लिया और दिया है। भगवान महावीर सबके हैं, उनके अहिंसा, संयम, अनेकांत और स्याद्वाद सिद्धांत हमेशा आगे बढ़ाना सिखाते हैं। उनका दर्शन आज भी प्रासंगिक है। हमे संकल्प लेना होगा कि उनके सिद्धांतों को आचरण में उतारेंगे। संघ की सभी शाखाओं मे जैन आगमों की वंदना भी की जाती है। संघ की सभी 70 हजार शाखाएं भगवान महावीर का निर्वाण महोत्सव मना रही हैं। विविधता में एकता ही भारत की शक्ति है। उन्होंने सभी आचार्यों को वंदन करते हुए कहा कि हम सबको एक रहकर ही देश को आगे बढ़ाना है। भागवत ने दो पुस्तकों का लोकार्पण भी किया। समारोह को सान्निध्य प्रदान करते हुए आचार्य श्री प्रज्ञसागरजी ने कहा कि आज महाविनाश विश्व की सबसे बड़ी समस्या है तो महावीर उन सबका समाधान हैं। जैन धर्म अत्यंत वैज्ञानिक है, जो स्वतंत्रतावादी और अनेकांतवादी है। इस महोत्सव में सबके कल्याण की भावना छिपी है। आचार्य श्री सुनील सागरजी ने कहा कि महावीर का तीर्थ सर्वोदय तीर्थ है, जिसमें सबका कल्याण निहित है। संघ पूरे देश को जोड़कर अच्छा कार्य कर रहा है। प्रवर्तक डॉ. राजेंद्र मुनि जी ने कहा कि संगठन जरूरी है और इसी में शक्ति है। विदुषी साध्वी अणिमाजी ने कहा कि वृद्धाश्रम हमारी संस्कृति नहीं हैं, माता-पिता की सेवा जरूरी है। साध्वी प्रीति रत्नाश्री ने कहा कि जिसका मन हिंसा विज्ञान भवन में आयोजित हुआ भगवान महावीर का 2550वां निर्वाण महोत्सव से दुखी हो वही हिंदू है। समारोह में जैन समाज की सभी आम्नायों के वरिष्ठ व्यक्ति सत्यभूषण जैन, गजराज जैन गंगवाल, कन्हैया लाल, सुखराज सेठिया सहित चक्रेश जैन, रवींद्रकीर्तिजी, डॉ. अहाना आदि मौजूद थे। श्री पुनीत जैन, रवि जैन, स्वराज जैन, अचल जैन, प्रधान बलवीर नगर,नवीन जैन महासभा-दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, श्रीजीवेन्द्र जैन गाजियाबाद, जवाहरलाल जैन, सिकन्दराबाद डॉ. इंदु जैन ने मंगलाचरण किया, और प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।

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