भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव का भव्य शुभारंभ

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पहली बार 108 दिगंबर संतों का भव्य ऐतिहासिक सान्निध्य
नई दिल्लीः प्राचीन अग्रवाल दिगंबर जैन पंचायत के तत्वावधान में लालकिला मैदान में 12 वरिष्ठ दिगंबर जैनाचार्यों के साथ 108 से भी अधिक दिगंबर मुनियों तथा आर्यिका संघों के सान्निध्य में 26 नवंबर को आयोजित विशाल धर्मसभा में भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव वर्ष का शुभारंभ शंखनाद के साथ हुआ। ध्वजारोहण के बाद गणिनी आर्यिका चंद्रमती माता जी द्वारा मंगलाचरण, भगवान महावीर एवं आचार्य कुंदकुंद के चित्र अनावरण व दीप प्रज्वलन से आरंभ
सभा में आचार्य श्री विशुद्धसागरजी ने कहा कि महावीर का जन्म विश्व कल्याण के लिए हुआ था, उन्होने प्राणीमात्र की रक्षा का संदेश दिया इस महोत्सव से विश्व भर में उनका संदेश जाएगा। हमें खंड से अखंड की ओर जाना है। आचार्य श्री विद्यानंदजी ने हम सबको एक बनाके रखा है, यह परंपरा टूटनी नही चाहिए।
आचार्य सुनील सागरजी ने कहा कि महावीर के सिद्धांत परस्परोपग्रहो जीवानाम से ही विश्व में शांति कायम हो सकती है। उन्होने कहा था कि अहिंसा, संयम और तप ही सबसे बडा धर्म है।
आचार्य अनेकांत सागरजी ने कहा कि वीतराग संतों के चरणों में ही परमानंद की अनुभूति होती है। निर्ग्रंथ संत ही हमारे प्राण हैं। आचार्य सौभाग्य सागरजी ने कहा कि महावीर के उपदेश सभी के लिए हैं। आचार्य प्रज्ञसागरजी विद्यानंद जी की परंपरा को आगे बढा रहे हैं। आचार्य निर्भय सागरजी ने कहा कि महावीर के सिद्धांत अत्यंत वैज्ञानिक हैं। भगवान के स्मरण से हम भी भगवान बन सकते हैं। सभी को वीर निर्वाण संवत लिखना चाहिए।
आचार्य प्रज्ञसागरजी ने संयोजन करते हुए कहा कि आज विश्व की सबसे बडी समस्या महाविनाश है तो महावीर के सिद्धांत उनका समाधान हैं। उनसे ही विश्व में शांति स्थापित हो सकती है। राष्ट्रीय स्तर का 2550वां निर्वाण महोत्सव शीघ्र ही भारत सरकार के तत्वावधान में भव्य स्तर पर मनाया जाएगा जिसमें डाक टिकट व सौ रूपए का  सिक्का जारी किया जाएगा। आचार्य श्री विद्यानंदजी ने विश्व में जैन धर्म की जो पहचान बनाई, हम उसी मार्ग पर चल रहे हैं। आचार्य अतिवीरजी ने कहा कि 2500वें निर्वाण महोत्सव की तरह यह समारोह भी भव्य स्तर पर मनाया जाना चाहिए। उन्होने बताया कि भगवान पार्श्वनाथ के 2900वें जन्म कल्याणक पर ऐतिहासिक लाल मंदिर में 7 जनवरी 2024 को 2900 कलशों से भव्य कलशाभिषेक किया जाएगा।
आचार्य विभक्त सागरजी ने कहा कि प्रतिवर्ष ही निर्वाण महोत्सव भव्य स्तर पर मनाना चाहिए। उपा. विशोकसागरजी ने कहा कि महावीर के संदेश आज भी प्रासंगिक हैं, उन्हे आचरण में उतारना है। मुनि शशांक सागरजी ने सिंह गर्जना करते हुए कहा कि महावीर के सिद्धांत आज भी जीवंत हैं, हमें एकता के सूत्र में बंधना है। आचाार्य सुरत्न सागरजी ने कहा कि इतने बडे संघ सान्निध्य में आयोजित यह समारोह नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। मूडबद्री के भट्टारक चारूकीर्ति
स्वामीजी ने कहा कि यह महोत्सव विश्व स्तर पर मनाया जाना चाहिए। भट्टारक सौरभसागजी -तिजारा ने एक होकर महोत्सव मनाने की अपील की। स्वामी रवींद्र कीर्ति जी ने गणिनी आर्यिका ज्ञानमती माता जी का संदेश पढकर सुनाया।
इस अवसर पर कईं ग्रंथों का विमोचन भी किया गया। पंचायत के अध्यक्ष चक्रेश जैन ने सभी संतों को विनयांजली अर्पित की। संतों के आगमन पर भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने विनांजली अर्पित की। महिला मंडल द्वारका ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अंत में सभी संतों का पाद प्रक्षालन किया गया। डा. कमलेश जैन व विवेक जैन ने संचालन और रूपेश जैन ने भजन प्रस्तुत किए। इस अवसर पर पावापुरी जल मंदिर व अहिंसा रथ का प्रवर्तन भी हुआ।
समारोह में सर्वश्री राजीव जैन ( आईएएस ), शरद कासलीवाल, सत्यभूषण जैन, पवन गोधा, पुनीत जैन- मैनेजर लाल मंदिर, अतुल जैन एडवोकेट, मनोज जैन- दरियागंज, प्रमोद जैन-लेजर, अनिल जैन- कमल मंदिर, डा. श्रेयांस कुमार जैन, रमेश जैन एडवोकेट नवभारत टाइम्स, डा. जीवन प्रकाश जैन, हेमचंद जैन, राकेश जैन- टुडे चाय, स्वेदश भूषण जैन, पीके जैन कागजी, जिनेंद्र जैन- कूचासेठ, अनिल जैन-कनाडा, प्रदुमन जैन-ऋषभ विहार आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
प्रस्तुतिः रमेश चंद्र जैन एडवोकेट नवभारत टाइम्स नई दिल्ली

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