भगवान का मंदिर दूर नहीं होता दिलों में मंदिर की दूरी बन जाती है इस कारण मंदिर डर लगता है

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प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज
महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

20 दिसंबर शनिवार 2025
छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश
दिगंबर जैन मंदिर में अपार भक्तों को संबोधित करते हुए जैन संत प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज ने बताया
बहुत से लोगों को कहते सुना है कि शहरों में मंदिर दूर होने से मंदिर नहीं जा सकते दिलों में मंदिर पास होने पर वही लोग दर्शनाथ भगवान के कर पाते हैं जो दिलों से भगवान को चाहते हैं
किसी व्यक्ति से यह सुना नहीं कि हमारी दुकान दूर है हम नहीं जा सकते हमारा ऑफिस दूर है अब नहीं जा सकते वहां तो कितनी भी दूरी हो लेकिन प्रतिदिन लोग जाते हैं
इस संसार में भोग की जितनी भी वस्तु प्राप्त हो रही है वह भगवान के जिनालय और दर्शनों के आशीष में मिल रही है उन्होंने यह भी बताया
हैनिश्चय नय व्यवहार नय की अपेक्षा असत्य है नय की अपेक्षा असत्य है दोनों नए हैं प्रमाण के भेद हैं इनको लेकर लड़ो झगड़ो नहीं मुनि श्री ने आगे कहा है कि दिगंबर साधु ना तेरापंथी होते हैं ना 20 पंथी होते हैं वह तो आगम पंथी होते हैं ,सुनिए छोटे-छोटे दो प्रवचन अंश है यह प्रवचन परम पूज्य प्रवचन केसरी मुनि श्री 108 विश्रांत सागर महाराज जी ने आज दिनांक 20 दिसंबर को छिंदवाड़ा में दिए, प्रवचन के पश्चात भक्त लोग मुनि श्री जी का अर्घ्य चढ़ाते हुए, आपको प्रवचन बहुत अच्छे लगें तो लोगों की भ्रांतियां दूर हो जाएं पथ वाद में कोई धर्म नहीं है
यह तो एक व्यवस्था बनाई गई है
धर्म तो अपनी क्रिया में है किस प्रकार मनुष्य धर्म की क्रिया करता है वही धर्म है
धर्म सभा में अपार भक्तों ने मुनि की जय जयकार के नारे भी लगाए

महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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