वर्धमान सरोवर जयपुर 14 मई 2024
द्वारा महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा
प. पू. भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका रत्न 105 गुरु मां विज्ञाश्री माताजी ससंघ 3 पिच्छी वर्धमान सरोवर जयपुर में विराजमान है । पूज्य माताजी के ससंघ सान्निध्य में धर्म की महती प्रभावना हो रही है । माताजी ससंघ के सान्निध्य में भगवान अभिनन्दननाथ जी का गर्भ व मोक्ष कल्याणक मनाया गया । समाज ने मिलकर मोक्ष कल्याणक के अवसर पर माताजी के सान्निध्य में निर्वाण लड्डू चढ़ाकर भगवान अभिनन्दननाथ जी की भक्ति की ।
पूज्य माताजी ने मंगल उद्बोधन देते हुए कहा कि – प्रभु भक्ति का रास्ता बड़ा सीधा है और बडा उलझा भी । बुद्धि से चलो तो बहुत उलझा है और भक्ति से चलो तो बहुत सीधा है । विचार से चलो तो बहुत दूर है , और भाव से चलो तो बहुत पास है । नजरों से देखो तो कण – कण में है और अंतर्मन से देखो तो जन – जन में है ।
“भक्ति” हाथ पैरों से नहीं होती है, वर्ना दिव्यांग कभी नहीं कर पाते । “भक्ति” न ही आँखों से होती है, वर्ना सूरदास जी कभी नहीं कर पाते । न ही भक्ति बोलने सुनने से होती है, वर्ना “गूँगे-बहरे” कभी नहीं कर पाते । “नही “भक्ति” धन और ताकत से होती है, वर्ना गरीब और कमजोर कभी नहीं कर पाते । “भक्ति” केवल भाव से होती है , यह एक अहसास है , जो हृदय से होकर विचारों में आता है।
गुरु माता ने भक्तों को यह भी बताया कि धर्म से बढ़कर इस संसार में कोई वस्तु नहीं है धर्म के द्वारा आप संसार की सभी भोग वस्तुओं को प्राप्त कर सकते हैं धर्म से ही धन की प्राप्ति होगी माता ने धर्म को जीवन का सबसे बड़ा आभूषण बताया
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान