भगवान आदिनाथ जन्मकल्याणक पर पहला नारा यही लगाएं, जैन हैं तो जैन लिखाएं

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अध्यक्ष,महामंत्री,पदाधिकारी गण व श्रावक श्रेष्ठिगण
सादर जय जिनेन्द्र , आप सभी को आगामी 3 अप्रैल को आने वाले देवाधिदेव भगवान आदिनाथ के जन्मकल्याणक की बहुत बहुत शुभकामनाएं/ बधाई।
एक छोटा सा निवेदन आप सभी से की भगवान आदिनाथ जन्मकल्याणक पर आप एक छोटा सा नियम ले कि हम सब अपने नाम के साथ जैन शब्द आवश्यक रूप से लगाएंगे । आओ भगवान आदिनाथ के अनुयायी हो तो अपनी पहचान मत छुपाओ।
पहला नारा यही लगाए
जैन हैं तो जैन लिखाएं
दिगम्बर,स्वेताम्बर, स्थानक,मूर्तिपूजक या किसी भी जैन पंथ से हो ,हम सब है तो भगवान आदिनाथ के अनुयायी ही, यदि हमें अपनी शक्ति का अहसास कराना है। तो एक सूत्र में बंध कर तो रहना ही होगा साथ ही अपनी पहचान जो जैन शब्द से है सभी को अपने नाम के साथ लगाकर करानी होगी। समय की मांग और वर्तमान की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एक अभियान चलाया जाए जैन है तो जैन लिखाएं वास्तविक रूप से देखा जाए तो जैन अनुयायियों की संख्या जनगणना के अनुसार कम है लेकिन वास्तव में अधिक है और उसका मुख्य कारण जनगणना के समय धर्म के कॉलम में जैन न लिखाना।जनगणना के कॉलम में तो जैन लिखाना ही है लेकिन अपने नाम के पीछे भी जैन शब्द लिखना बहुत आवश्यक है जिससे की पहचान हो सके कि हम जैन हैं हम अपने नाम के पीछे जैन न लगाकर अपना गोत्र लगाते हैं जिससे यह पता ही नहीं चल पाता है कि हम जैन है या नहीं है। अतः निवेदन यह है कि एक मुहिम चलाकर यह जागरण किया जाए कि
1- जब भी हमारे बच्चों का प्रथम प्रवेश विद्यालय में कराया जाए तो उस समय उनके नाम के पीछे गोत्र ना लगाकर जैन शब्द का उपयोग किया जाए।
2- जब भी हम अपने नाम का उपयोग करें तो गोत्र से पहले जैन लगाएं।
यदि यह संभव होता है तो हमारे संस्कार भी जीवित रहेंगे और हमारी संख्या भी सामने आ सकेगी।
संजय जैन बड़जात्या कामां, सवांददाता जैन गजट

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