ज्ञानतीर्थ पर हुआ महामस्तकाभिषेक एवं नालकी यात्रा का आयोजन
मुरैना (मनोज जैन नायक) जैन धर्म के प्रवर्तक, प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के जन्म एवं तप कल्याणक पर नगर के जिनालयों में विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन किए गए ।
ज्ञानतीर्थ क्षेत्र में जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ स्वामी के जन्म एवं तप कल्याणक के पावन अवसर पर जैन बैंक परिवार द्वारा विशेष आयोजन किए गए । इस अवसर पर जैन बैंक परिवार द्वारा प्रातःकालीन वेला में ज्ञानतीर्थ के शिखर पर विराजमान मूलनायक भगवान आदिनाथ का महामस्तकाभिषेक एवं शांतिधारा की गई । श्री जिनेंद्र प्रभु को सुसज्जित पालकी में विराजमान कर गाजे बाजे के साथ ज्ञानतीर्थ परकोटे में भ्रमण कराया गया । नालकी शोभायात्रा में सभी भक्तगण जैन भजनों पर भक्तिमय नृत्य एवं तीर्थंकरों की जय जय कार कर रहे थे ।
इस अवसर पर जैन बैंक परिवार का खुला अधिवेशन भी हुआ । प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग दो वर्ष पूर्व समाज के युवाओं द्वारा जैन बैंक की स्थापना की गई थी । जैन बैंक के संस्थापक सदस्य अनिल जैन नायक द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में जैन बैंक के लगभग 125 सदस्य हैं। सभी सदस्य प्रत्येक माह एक छोटी सी निश्चित राशि जमा करते हैं जिसका वे स्वयं कोई ब्याज नहीं लेते । आवश्यकतानुसार जैन समाज का कोई भी व्यक्ति या परिवार अपनी जरूरत के अनुसार इस बैंक से लोन ले सकता है । उसे उक्त राशि एक निश्चित समय सीमा में वापिस करनी होती है । इस बैंक का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्ग की मदद करना है । आज वार्षिक अधिवेशन में सभी सदस्यों ने इसका विस्तार करने एवं समाज के लोगों की अधिक से अधिक मदद करने पर विचार विमर्श किया ।
जन्म एवं तप कल्याणक के पावन अवसर पर बड़ा जैन मंदिर मुरैना में भी अनेक आयोजन किए गए । प्रातःकालीन वेला में अभिषेक, शांतिधारा, पूजन एवं विधान आदि धार्मिक आयोजन हुए । रात्रि को महिलाओं द्वारा भगवान का पालन झूलाने का आयोजन रखा गया । जिसमें सभी लोगों ने हर्षोल्लास के साथ बालक आदिनाथ का पालना झुलाकर अपने आपको आनंदित महसूस किया ।
चंद्रप्रभु जिनालय में हुआ भक्तामर विधान
इसी क्रम में जीवाजी गंज में स्थित श्री चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन पल्लीवाल मंदिर में पुण्याजर्क परिवार ओमप्रकाश जगदीश चंद जैन विक्की रोड लाइंस परिवार की ओर से भक्तामर अर्चना का आयोजन किया गया । जिसमें उपस्थित सभी साधर्मी बंधुओं एवं जैन मित्र मंडल के कार्यकर्ताओं ने भक्तामर स्त्रोत के एक एक श्लोक का वाचन कर दीप प्रज्ज्वलित किए । भजन गायक एवं संगीतकार सौरभ जैन एण्ड पार्टी मुरैना की संगीत स्वर के के मध्य 48 दीपकों की भक्तामर अर्चना में सभी ने भक्तिमय नृत्य किए ।