जयपुर। विगत कुछ वर्षों से शिक्षा बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है, जहां एक तरफ शिक्षा व्यवस्थाओं को लेकर बड़े – बड़े दावे और वादे सुनाई तो देते है वही दूसरी तरफ जब धरातल पर देखने की कोशिश की जाती है तो वही दावे और वादे ढूंढने से भी नजर नहीं आते है। शिक्षा विभाग का एक आदेव पिछले 3 दिनों से चर्चा का केंद्र बना हुआ है, जिसके तहत प्रदेश के वो सरकारी स्कूल जिनको पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यमिक स्कूलों में तब्दील किए थे अब उन्ही स्कूलों को वर्तमान भाजपा सरकार वापस हिंदी स्कूलों में तब्दील करने की योजना बना रही है। जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है की ” शिक्षा मंत्री सत्ता की आड़ लेकर अपने बेटे का भविष्य तो संवार रहे है किंतु उसी सत्ता की आड़ लेकर राजनीतिक देशना के चलते प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य भी बिगाड़ रहे है। “
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राजस्थान की वर्तमान भाजपा सरकार सत्ता के अहंकार के चलते पूर्वर्ती सरकार द्वारा हिंदी से अंग्रेजी में तब्दील किए हुए स्कूलों को पुनः अंग्रेजी से हिंदी में तब्दील करने की योजना पर काम कर राजस्थान के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य बनाने की बजाय सीधा खाई में धकेल रहे है। अगर पूर्वर्ती सरकार की इस योजना में खामियां थी तो वर्तमान सरकार को उन खामियों पर काम करना चाहिए था और दुरुस्त कर विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था का लाभ उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य करना चाहिए था। यह कहना तर्क संगत है की अंग्रेजी स्कूल में एडमिशन कम होने के चलते उन्हें पुनः हिंदी माध्यमिक में तब्दील किए जाने पर विचार किया जा रहा है, किंतु एडमिशन क्यों कम हो रहे है उन विषयों पर विचार नहीं किया जा रहा है। पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार ने जब महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यमिक स्कूलों की योजना बनाई थी तब से लेकर आजतक इसमें भारी स्तर पर खामियां देखने को मिली थी, जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने दर्जनों बार राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर उन खामियों को दूर करने की मांग की थी किंतु पूर्वर्ती सरकार ने भी वर्तमान भाजपा सरकार की तर्ज पर कार्य कर ना केवल अभिभावकों के साथ विश्वासघात किया था बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य से भी खिलवाड़ किया था।
अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की कमियों के साथ अंग्रेजी स्कूलों को खोलने की गलती पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार ने जिसका खामियाजा आजतक अभिभावक और विधार्थी ही भुगत रहे है और वर्तमान भाजपा सरकार उन खामियों का तमाशा देखकर योजना को बंद करने का मजा ले रही है इस स्थिति में दोनों ही सरकारों ने केवल अभिभावकों और विद्यार्थियों को ठगा है। आज अगर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यमिक स्कूलों में एडमिशन कम हो रहे है तो वह केवल शिक्षा मंत्रालय और शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का परिणाम है क्योंकि समय रहते इन सरकारी स्कूलों में ना अंग्रेजी माध्यमिक के शिक्षकों की भर्ती की गई और ना स्कूल स्तर पर पूरे शिक्षक नियुक्त किए गए। प्रदेशभर 2077 अंग्रेजी माध्यमिक स्कूल खोले गए थे किंतु इन स्कूलों एक सत्र तक में 2077 शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए उपलब्ध नहीं थे जिसके चलते विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो रहा था जिसे देखकर अभिभावकों ने इन सरकारी स्कूलों में दुबारा अपने बच्चों के एडमिशन नहीं करवाएं, अगर यह खामियां नही होती तो इन स्कूलों में एडमिशन दर कभी भी घटती नही बल्कि बच्चों को ओर एडमिशन देने के लिए और अंग्रेजी माध्यमिक स्कूलों को खोले जाने की घोषणा करनी पड़ती जिससे निजी स्कूल माफियाओं को तकलीफ होती इसलिए पहले शिक्षकों की भर्तियां नही होने दी, इन स्कूलों को व्यवस्थाओं को नजर अंदाज किया गया और अब उन स्कूलों को पूरी तरह से बंद करने की योजना बनाकर अभिभावकों पर थोपी जा रही है। जिससे निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाया जा सकें।
अभिषेक जैन बिट्टू
प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी
संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान (जयपुर)
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