बसंत ऋतु का स्वागत, मां वीणापाणि के पूजन के साथ

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जेएसी मुरैना जागृति ने बसंत पंचमी पर किए कार्यक्रम

मुरैना (मनोज जैन नायक) जेएसी मुरैना जागृति की सदस्यों ने बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में खास कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर उन्होंने मां सरस्वती की पूजा की और गीत-संगीत के साथ बसंत ऋतु का स्वागत किया। कार्यक्रम में बसंती थीम पर आधारित गेम्स भी खेले गए, जिनमें सभी सदस्यों ने उत्साह और उमंग के साथ भागीदारी की।
जेएसी मुरैना जागृति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संगठन की सभी मेम्बर्स बसंती परिधान पहनकर पहुंचीं थीं। सबसे पहले उन्होंने मां वीणापाणि की आराधना की और एक-दूसरे को बसंत पंचमी पर शुभकामनाएं दीं। इसके बाद संगठन की अध्यक्ष भावना जैन ने कहा कि बसंती रंग सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है साथ ही सादगी और निर्मलता को भी दर्शाता है। इस रंग का संबंध आध्यात्मिकता से भी है। सचिव भारती मोदी और कोषाध्यक्ष नीता बांदिल ने भी बंसत पंचमी के बारे में खास जानकारियां जेएसी मेम्बर्स को दीं। इसके बाद कार्यक्रम की संयोजक ललिता गोयल और अनुराधा गर्ग ने खुल जा सिम-सिम और तंबोला आदि गेम्स कराए। खास बात यह कि इन गेम्स में जो प्रश्न पूछे गए, वे बसन्त पंचमी पर ही आधारित थे। गेम्स में जिन मेम्बर्स ने बेहतर प्रदर्शन किया, उन्हें पुरस्कार दिए गए। गेम्स के अलावा संगठन की सदस्यों ने बसंत पंचमी के गीत गाये और पारंपरिक नृत्य भी किया। अन्त में सभी ने भोजन किया। मेन्यू में अधिकांश चीजें पीले रंग की रखी गई थीं। जेएसी मुरैना जागृति के इस पहले सामूहिक कार्यक्रम में कार्यकारिणी का गठन भी किया गया।

तय की सेवा कार्यों की रूपरेखा

बसंत पंचमी के स्वागत में आयोजित कार्यक्रम में जेएसी मुरैना जागृति की सदस्यों ने सालभर चलने वाले सेवा कार्यों की रूपरेखा भी तय की। संगठन की पदाधिकारियों ने कहा कि अब हमें इस तरह के काम करने हैं, जो जरूरतमंदों के लिए सीधे मददगार साबित हों। खासकर महिलाओं को सशक्त बनाने और बच्चों की हेल्प से जुड़ी एक्टिविटीज पर हमारा फोकस रहेगा। इसके अलावा हर साल आयोजित किये जाने वाले रूटीन कार्यक्रमों पर भी संगठन की सदस्यों ने चर्चा की। सभी ने संकल्प लिया कि बीते 15 वर्षों की तरह आगे भी जनहित के कार्यों को जारी रखा जाएगा।

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