बरसात में सूर्य का प्रताप कम होने से हमारी पाचन शक्ति कमजोर होने से पाचन संबधी रोग प्रचुरता से होते हैं और जल संक्रमित होने के कारण हम शीघ्र संक्रमित हो जाते हैं .इस समय हम बचाव से ही अपना रखाव कर सकते हैं ,वर्तमान में पानी शहरों में नगर निगम नदियों आदि से पाइप द्वारा घरो घरो प्रदाय करती हैं .वे पाइप कहाँ से फूट जाने के कारण संक्रमण के शिकार बनते हैं .इन दिनों रात्रि भोजन करने से बचना चाहिए ,कारण सूर्यास्त के बाद अनेकों सूक्ष्म जीव उतपन्न होने से भोजन दूषित कर देते हैं और जठराग्नि मंद होने से अपचन की संभावना बनी रहती हैं .
इस समय होटल का खाना और सामूहिक भोज से बचना ही चाहिए .हरी साग सब्जियां जैसे पालक मेंथी की भाजियां ,धनिया आदि में मिटटी लगी रहने से हम जल्दी संक्रमित हो सकते हैं .
वर्तमान समय में बरसात के समय में जलजनित बीमारी होने की संभवना हो सकती है। बरसात में अक्सर दस्त, उल्टी, बुखार, आव, पेट दर्द, पेचिस, पीलिया, टाइफाइड, डायरिया जैसी बीमारियां होती
हैं। बीमारी से बचने के लिए सावधान रहें, बीमार न हों इसके उपाय करें एवं स्वस्थ्य रहें।
बीमारी से कैसे बचें –
उल्टी, दस्त, पेचिस, आव, संक्रामक बीमारी से बचने के लिए ताजा भोजन का सेवन करें। शुद्ध पानी पीयें, कुऐं, नदी, नाला का पानी न पीयें, पानी क्लोरीनेशन कर के पीयें, सड़ी-गली सब्जी, फल, बासा खाना न खायें, मांस का उपयोग बरसात के दिनों में सेवन न करें। व्यक्तिगत स्वच्छता अपनायें, खाने के चीजों को छूने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोयें, संक्रमित चीजों को छूने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोयें, भोजन खाने के पहले या शौच के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोयें, स्वच्छ शौचालय का उपयोग करें।
उपचार – उल्टी, दस्त के लिए टेबलेट फ्यूराजोलाडिन, मेट्रोजिन डायक्लोमिन, मेट्रोक्लोरापामाइड, जिंक, ओ.आर.एस. का घोल, खीरा, दही, सिकंजी, चावल का पानी तथा तरल पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करें।
बरसात के दिनों में वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगु, चिकुनगुनिया, फायलेरिया जैसे गंभीर बीमारी होती है। गंदा पानी, नाली, गडढों में पानी एकत्रित होने से मच्छर के लारवा से अण्डें पनपते हैं।
मलेरिया – मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। डेंगू – डेंगू का लारवा साफ पानी में पैदा होता है जैसे कूलर, टूटे हुए टायर, टंकी में एडीज मच्छर के लारवा पनपते है। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। चिकुनगुनिया – इसका वायरस सीधे हडडी पर अटैक करता है जिसे असहनीय दर्द होता है।
मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, फायलेरिया कैसे बचें –
घर के आस-पास की सफाई रखें, पानी इकटठा न होने दें, गडडों को भरे जायें, टायर, कबाड़ सामान ढंक्कर रखें। इनमें पानी इकट्ठा नहीं होने दें, कूलर व टंकी का पानी को एक सप्ताह में खाली करें, नीम का धुआं करें, शाम के समय खिड़की दरवाजा बंद रखें, रात्रि में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। पूरी आस्तीन के कपडे़ पहनें।
मच्छर भगाने वाले साधन जैसे-
क्रीम, क्वाइल, रिपेलेन्ट इत्यादि का उपयोग करें। टायर, कबाड़ सामान ढंक्कर रखें। इनमें पानी इकट्ठा नहीं होने दें। बुखार आने पर तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र में जांच करायें। .
इस समय बांसा खाना खाने से बचना चाहिए .सूर्यास्त के पहले भोजन करे .मांसाहार ,अंडा मच्छली का सेवन बिलकुल न करे .सबसे अच्छा उबालकर पानी पिए .और उसके लौंग डाल ले तो बेहतर .और कम खाना खाये .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३
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