प्रेस विज्ञप्ति
बैंकॉक में जैन ज्योतिष एवं वास्तु संगोष्ठी का भव्य आयोजन,
मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद के संस्थापक/अध्यक्ष रवि जैन गुरुजी दिल्ली ने किया संबोधित
जैन धर्म की अनुपम कृति जैन ज्योतिष को विश्व पटल पर अंकित करने की के लिए संकल्पित अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद (पंजी.) ने दुबई, अबू धाबी, नेपाल के पश्चात 16 नवंबर को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में विराजित जिन मंदिर जी के दर्शन करने के उपरांत दिगंबर जैन फाऊंडेशन बैंकॉक के तत्वाधान में जैन ज्योतिष एवं वास्तु संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा की जैन ज्योतिष अनादि काल से है और जैन ज्योतिष को अपनाकर जनमानस अपने जीवन में आई परेशानियों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
रवि जैन गुरुजी दिल्ली ने कहा कि नौ ग्रहों के अरिष्ट निवारक हमारे 24 तीर्थंकर हैं उनकी पूजा आराधना, प्रक्षाल, चालीसा, आदि का पाठ कर हम ग्रह नक्षत्र के नेगेटिव प्रभाव को कम कर सकते हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में रवि जैन गुरुजी ने जैन धर्म को समर्पित आदिनाथ चैनल के संबंध में समाज को जानकारी दी साथ ही भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी, विश्व जैन संगठन, भारतीय जैन मिलन से भी जुड़ने का आवाह्न किया।
इस अवसर पर दिगंबर जैन फाऊंडेशन बैंकॉक के गणमान्य पदाधिकारी श्री महावीर जैन बड़जात्या, सुधांशु जैन, वंदना जैन, आयुषी जैन, सविता जैन,कविता जैन बडजात्या, अर्पित जैन,सोनल जैन,परु जैन, पं.आयुष जैन दिल्ली से आभा जैन, आशा भाटिया, शीला जैन, शिवानी जैन मुम्बई से तरस जैन, लीला जैन आदि उपस्थित थे।
दिगंबर जैन फाऊंडेशन बैंकॉक के सदस्यों ने इस अवसर पर रवि जैन गुरुजी को सपत्नी स्मृति चिन्ह भेट कर उनका स्वागत सम्मान किया, साथ ही अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद (पंजी.) की तरफ से रवि जैन गुरुजी ने भी समाज को एक प्रशस्ति पत्र सौंपा।
प्रशस्ति पत्र ग्रहण करने के उपरांत समाज ने कहा कि हम इस प्रशस्ति पत्र को मंदिर जी में यथायोग्य स्थान पर स्थापित करेंगे।
कार्यक्रम के उपरांत पदाधिकारयो के साथ रवि जैन गुरुजी ने थाई जैन संगठन देरासर बैंकॉक (ओसवाल जैन समाज) के तत्वाधान में नवनिर्मित भव्य श्री देरासर के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त किया, समाज के पदाधिकारी देवांग संघवी के निवास पर संध्याकालीन बेला में वास्तु, ज्योतिष चर्चा के उपरान्त एक प्रशस्ति पत्र भेंट किया।
देवांग संघवी ने भविष्य में जल्द ही परिषद् के सदस्यों के साथ पुनः बैंकॉक पधारने का निवेदन किया


















