बाल दिवस केवल दिखावा, गरीब और जरूरतमंद बालकों को संपूर्ण शिक्षा का अधिकार दे सरकार – संयुक्त अभिभावक संघ

0
127

जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने मंगलवार को राष्ट्रीय बाल दिवस पर बयान देते हुए कहा की प्रदेश या देश सभी जगहों पर बाल दिवस केवल दिखावें मात्र का पर्व बनाकर छोड़ दिया गया है। पूरे वर्ष भर में बालकों की सुध ली नही जाती, किंतु बाल दिवस पर पब्लिकसिटी करने के लिए बालकों को एकत्रित किया जाता है, गिफ्ट दिए जाते है और बालकों के अधिकारों के भाषण छोड़े जाते है किंतु कभी उनकी सुध नहीं ली जाती। आज बालकों की जरूरत शिक्षा है जिसका पूरा व्यापारीकरण हो गया है किंतु जिम्मेदार लोग चुप्पी साधे बैठे है।

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की बाल दिवस केवल एक दिन का पर्व नही होना चाहिए बल्कि प्रत्येक दिन का पर्व होना चाहिए। आज प्रदेश के लाखों गरीब और जरूरतमंद बच्चे शिक्षा से दूर होते जा रहे है किंतु सरकार और प्रशासन सुध नहीं ले रही है बल्कि शिक्षा माफियाओं को संरक्षण देकर शिक्षा को व्यापार का केंद्र बनाकर छोड़ दिया है। इसका नतीजा यह है की शिक्षा महंगी हो गई और बच्चे शिक्षा से दूर होते जा रहे है। बाल दिवस पर बालकों के अधिकार की बात ना कर बालकों के अधिकार की पालना निर्धारित होनी चाहिए।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की आज केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार केवल लुभाने के लिए जनता को गुमराह करने का काम करती है, किंतु धरातल पर रहकर काम करना पसंद नहीं करती। इसका उदाहरण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 5 साल तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन की तिथि को आगे की घोषणा की है जिससे देश को अंदाजा हो जाता है की देश में लगभग 5 करोड़ से अधिक बच्चे शिक्षा से पूरी तरह से वंचित है और राजस्थान में यह आंकड़ा लगभग 10 लाख के आस पास है। जिस पर केंद्र और राज्य सरकारों को विचार करना चाहिए, आज आजादी के 77 साल बाद भी जब शिक्षा की सरल व्यवस्थाएं नही हो पा रही है तो समझ में आता है की देश का विकास केवल दिखावटी सपनों और जनता को गुमराह करने की दिशा में हो रहा है। ऐसे में बाल दिवस मनाना ना केवल शिक्षा का अपमान है बल्कि देश और राजस्थान के गरीबों का भी अपमान है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here