सादर प्रकाशनार्थ
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बकस्वाहा की ब्र. सरस्वती देवी की हुई भव्य बिनोली और गोदभराई
(रत्नेश जैन रागी)
बकस्वाहा/ – यहां के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जी में प्रमोद कुमार व सुबोध कुमार जैन सुनवाहा बाले बकस्वाहा की माताजी ब्र. सरस्वती देवी एवं बाल ब्र. रूबी दीदी शाहगढ़ की जैनेश्वरी दीक्षा होने के पूर्व विनौली एवं गोदभराई समारोह का आयोजन भारी परिजन, रिश्तेदार,समाज व जनसमूह की उपस्थिति में गरिमामय सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में मुनि श्री श्रुतेश सागर जी एवं मुनि श्री सुश्रुत सागर जी महाराज का मंगल सान्निध्य रहा।
इस मौके पर सुबह अभिषेक और पूजन विधान से कार्यक्रम हुआ। मध्यान्ह में नगर के प्रमुख मार्गों से बिशाल शोभायात्रा निकाली गई और मंदिर जी परिसर में बिनोली,गोद भराई के कार्यक्रम में देवर पं दयाचंद्र ,रमेश खाग, सुरेन्द्र कुमार,पुत्र प्रमोद कुमार,सुबोध कुमार सहित परिजन एवं रिश्तेदार , समाज तथा क्षेत्रीय समाज के बन्धुओं ने भाग लेकर अनुमोदना की। इस मौके पर ब्रह्म सरस्वती देवी ने परिजन रिश्तेदार के साथ ही समाज और सभी महानुभावों से क्षमा याचना करते हुए सबको क्षमा के भाव व्यक्त किए और त्याग भावना व्यक्त की।
प्रवचन के दौरान मुनि श्री श्रुतेश सागर जी महाराज ने कहा संयम का मार्ग केवल त्याग नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और मोक्ष का साधन है। जब एक गृहस्थ आत्मबोध की ओर बढ़ता है, तब पूरा समाज उससे प्रेरणा पाता है। मुनि श्री सुश्रुत सागर जी महाराज ने कहा संयम का अर्थ भोगों का त्याग मात्र नहीं, बल्कि भावों की निर्मलता है। जब आत्मा राग-द्वेष से मुक्त होती है, तभी सच्चा आनंद मिलता है।
ब्र. सरस्वती देवी एवं बाल ब्र. रूबी दीदी को आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज की प्रेरणा एवं आर्यिका 105 विजिज्ञासाश्री माताजी के सान्निध्य में आगामी 29 नवम्बर 2025 को मंगलगिरि सागर में क्षुल्लिका दीक्षा का सौभाग्य प्राप्त होगा।
🙏 वरिष्ठ पत्रकार राजेश रागी रत्नेश जैन बकस्वाहा












