शास्त्रों में वर्णित है जातस्य ध्रुवं मृत्यु:। अर्थात जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु अवश्यंभावी है ।परंतु जो जन्म लेकर समाज, परिवार ,धर्म क्षेत्र के उद्धार में अपना खून पसीना एक कर मृत्यु को वरन करके भी अमरता को प्राप्त होता है ।ऐसे ही बहू आयामी में व्यक्तित्व श्री त्रिलोकचंद जी बंसीलाल जी पांडे छत्रपतीसंभाजीनगर 28 जनवरी 2025 के दिन अमरता प्राप्त हो गये।आप 86 वर्ष के थे ।
आप एक सफलतम उद्यमी थे। पारिवारिक जिम्मेदारियां संभालते हुए सामाजिक, धार्मिक क्षेत्र में भी अपना पूरा उत्तरदायित्व निभाने थे। वे कोई भी कार्य बड़े मन से, अच्छे दिल से, अपना खून पसीना एक कर कर , लोगों से कुछ अधिक, अपूर्व ,दूर दृष्टि रखकर करते थे। आपका मनोबल बहुत ही विशाल था। आप श्री दिगंबर जैन नवयुवक मंडल के अध्यक्ष रहकर “जैन ज्योति “हस्तलिखित पत्रिका का संपादन कार्य करते थे। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र कचनेर जी के आप महामंत्री रहे। उसके द्वारा संचालित श्री उत्तमचंद ठोले दिगंबर जैन छात्रालय औरंगाबाद के निर्माण कार्य में आपने अहम भूमिका निभाई ।आप लायंस क्लब ऑफ औरंगाबाद के अध्यक्ष एवं झोन चेयरमन भी रहे। लायन्स ग्रुप एवं मधुर बजाज ग्रुप के माध्यम से महाएक्सपो का सफल आयोजन किया। उस समय आपने 1800 कैट्राक के ऑपरेशन करवाए। जिसकी सफलता के लिए आपको इंटरनेशनल लाइंस क्लब ऑफ़ लंदन से 2000 पाउन्ड एवं अमेरिका से $10000 की सहायता भी मिली थी ।
आपका मित्र परिवार की आपकी धन संपत्ति थी। उसके माध्यम से आपने जैन मॉर्निंग वॉकर ग्रुप का गठन किया था ।और उनके साथ पूरे भारत के तीर्थ क्षेत्रो का एवं पर्यटन क्षेत्रो का भ्रमण किया। आपको सभी मैनेजमेंट गुरु कहते थे ।
आपके ही पद चिन्हो पर चलकर आपकी धर्मपत्नी प्रमिलाबाई पांडे औरंगाबाद दिगंबर जैन पंचायत की महामंत्री बनने वाली औरंगाबाद शहर में प्रथम महिला है। आपके छोटे पुत्र पंकज पांडे भी नवनिर्मित खंडेलवाल दिगंबर जैन फाऊंडेशन ग्रुप के डायरेक्टर नियुक्त किए गए ।दोनों पुत्र नीरज एवं पंकज आपके नक्शे कदम पर चलकर व्यापारिक क्षेत्र में बाप से बेटा सवाई यह सिद्ध कर दिखा रहे हैं ।आपकी दो पुत्रियां नीता दिनेश जी शेठी औरंगाबाद एवं स्मीता डा अतुलजी अजमेरा इंदौर अपना सुखी जीवन व्यतित कर रही है ।
आपका समग्र व्यक्तित्व एवं कृतित्व महिमातीत ,तर्कातीत, शब्दातीत, वर्णनातीत था। आपके पास जीवन के गंभीर अनुभवो का खजाना था ।इसी अनुभवो के आधार पर आपने-अपने जीवन शैली को रचनात्मक बनाया था ।
प्रकृति अस्वस्थता के समय मे आपके प्रपौत्र ,रयण, रोहन, आर्यन, अक्षत और पपौत्री जिगिशा , पुत्र वधु शिल्पा ,रानी ने आपकी अंतिम सांस तक बहुत सेवा सुश्रुषा की जिसके और आपके मनोबल के कारण आपको आयु के तीन-चार वर्ष बोनस मिला।
आप धर्मवत्सल, मुनि भक्त थे ।आपके निधनपर आचार्य देवनंदीजी के द्वारा आपको संसार के चर्तुगति के बंधन से छुटकारा होकर शिध्र ही मुक्ति की प्राप्ति हो ऐसी भावना व्यक्त कर कर पांडे परिवार को धैर्य रखने का आशीर्वाद दिया ।
आप श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा महाराष्ट्र प्रांत के अध्यक्ष श्री वर्धमान जी पांडे के बड़े भ्राता एवं महामंत्री महावीर ठोले के मामाश्री थे।
परिवार ने आपके पुण्य स्मृति में विविध क्षेत्रो को, संस्थाओं को विशाल दान राशि की घोषणा की । जिसमे तीर्थ संरक्षणी महासभा को भी ₹5100 राशि की धोषणा की। श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा भव्यात्मा श्रद्धांजलि अर्पण करकर ऊन्हे ऊनकी धर्म की आस्था का प्रतिफल श्रेष्ठ मनुष्य भव प्राप्त हो ऐसी वीर प्रभु से कामना करती है।
महावीर ठोले महामंत्री तीर्थ संरक्षिणी महासभा (महाराष्ट्र)
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