बघेरवाल छात्रावास में मंत्रोच्चार के साथ हुआ जैन संस्कार शिविर, 80 बच्चों ने भाग लिया

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बघेरवाल छात्रावास में मंत्रोच्चार के साथ हुआ जैन संस्कार शिविर, 80 बच्चों ने भाग लिया
सिर पर केसर का तिलक व लोंग रखकर जैन मुनि ने दिए संस्कार
बूंदी, 4 अगस्त। देवपुरा बघेरवाल छात्रावास के शांतिसागर सभा मंडल में रविवार को जैनत्व संस्कार महोत्सव के अंतर्गत जैन मुनि वैराग्य सागर महाराज व सुप्रभ सागर महाराज के सानिध्य में 8 वर्ष से लेकर अविवाहित युवाओं को जैन धर्म के संस्कार दिए गए। यहां आयोजित हुए जैन संस्कार शिविर में बच्चों को संस्कारित करने के लिए जैन मुनि ने मंत्रोच्चार द्वारा मुंडन संस्कार कर उनके सिर पर केसर का तिलक लगाकर व लोंग रखकर यज्ञोपवित्र धारण कराकर जैन धर्म के प्रति संस्कारित किया गया। साथ में उन्हें सप्त व्यसन का त्याग करने की शपथ दिलाई।
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष पदम कुमार जैन एवं संयोजक कमल कोटिया ने बताया कि जैन संस्कार का महत्व बताते हुए मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में अच्छे संस्कारों का योगदान रहा है। अच्छे संस्कारों के लिए बच्चे के गर्भ में आने के साथ ही मां के द्वारा धार्मिक पुस्तकों को पढ़कर व साधु संतों के प्रवचन सुनकर अच्छे संस्कार देने की परम्परा रही है। मदलसा मां का उदाहरण देते हुए बताया कि धार्मिक संस्कारों से प्रभावित होकर उनके पुत्र धर्म की राह पर चलकर मुनि बनकर मुक्ति के मार्ग पर प्रस्तुत हुए। मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए अच्छे संस्कारों का सर्वाधिक महत्व होता है।
इस अवसर पर महाराजश्री ने कहा कि संस्कारित व्यक्ति किसी भी जगह जाकर अपने संस्कारों के बलबूते पर सुखी रह सकता है। जिस भोजन को मनुष्य नित्य ग्रहण करता है वह भी अग्नि में तप कर संस्कारों से संस्कारित होकर मनुष्य की भूख जैसी तृष्णा को मिटाता है। इसी प्रकार मिट्टी भी अग्नि में तप कर संस्कारित होती है और समाज के लिए उपयोगी पात्र बनाती है। धर्मसभा में महाराज ने कहा कि संस्कारित होकर अपने राष्ट्र समाज व सुरक्षा के लिए कदम बढ़ाना चाहिए। अच्छे संस्कारों से जीवन में उज्ज्वलता को प्राप्त करते हुए जीवन में सुख शांति को प्राप्त किया जा सकता है।
धर्मसभा में मुनि वैराग्य सागर महाराज ने संस्कारों के लिए कहा कि देव शास्त्र गुरु के माध्यम से महापुरुष बना जा सकता है। संस्कारित बच्चे फास्ट फूड का त्याग कर व शुद्ध आहार के सेवन से शारीरिक विकास संभव है।
चातुर्मास व्यवस्था समिति के उपसंयोजक सुरेश कोटिया, कोषाध्यक्ष जम्बू धानोत्या ने बताया कि संस्कार शिविर में 80 बच्चों ने भाग लिया। संस्कार शिविर में भाग लेने वाले बच्चों ने भगवान के अभिषेक किया। इस अवसर पर संगीतकार आयुष जैन ने संगीत के माध्यम से भक्तिमय बना दिया। जैनत्व संस्कार कलश स्थापना विनोद कुमार, ऋषभ कुमार खटोड़ ने की। शांतिधारा करने का सौभाग्य तरुण कुमार सेठिया, रमेश कुमार जैन, रवि गंगवाल व पाद प्रक्षालन का सौभाग्य महावीर कुमार, नरेन्द्र कुमार सीटीओ व धवल मार्बल शास्त्र दान नरेन्द्र कुमार, मनीष कुमार, भगवान का चित्र अनावरण व दीप प्रज्वलन प्रकाशचंद, शुभम कुमार ने किया। मंगलाचरण पूर्वी व नैनी कोटिया ने किया। धार्मिक कार्यक्रम का संचालन व भगवान की पूजन बा.ब्र. मनीष भैया व देवेन्द्र जैन ने किया। मंदिर प्रबंधन समिति अध्यक्ष विनोद कोटिया ने बताया कि शांतिसागर मंडप का उद्घाटन कैलाशचंद ओमप्रकाश ठग परिवार ने किया। संस्कार कलश की स्थापना विनोद कुमार खटोड़, राजेन्द्र सेठिया ने की।
संस्कार शिविर में मंदिर समिति कोषाध्यक्ष अशोक कुमार जैन, ऋतेश जैन, महावीर कोटिया, महावीर सामरिया, जैन संस्कार महिला मंडल, जिन शासन महिला मंडल, जैन शांति वीर बालिका मंडल, संभवनाथ नवयुवक मंडल ने इस संस्कार शिविर को सफल बनाने में सहयोग किया। बीना नौसंदा, एडवोकेट पदम कासलीवाल, रविन्द्र काला, शकुंतला बड़जात्या, ओमप्रकाश बड़जात्या सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
रविन्द्र काला
जैन गजट संवाददाता, बूंदी

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