बच्चों को इतने संस्कार दो कि वे तुम्हारी अच्छी सेवा कर सकें प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज

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बच्चों को इतने संस्कार दो कि वे तुम्हारी अच्छी सेवा कर सकें
प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज

महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान
5 दिसंबर शुक्रवार 2025
छिंदवाड़ा दिगंबर जैन मंदिर में अपार भक्तों को संबोधित करते हुए प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज ने धर्म सभा में बताया
माता-पिता को अपने बच्चों को बचपन में ही उन्हें उंगली पड़कर जीनालय लेकर जाना आवश्यक है
तभी बच्चा भगवान और जिनालय को समझ पाएगा कि हमारे माता-पिता जिनालय में दर्शन करने क्यों जाते हैं छोटे बच्चों के दिमाग में अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं जिनालय जाने से क्या लाभ मिलता है इनका उत्तर माता-पिता को बच्चों को समझाना होगा तभी बच्चे जिनालय जुड़ पाएंगे
बच्चों को संस्कार देने वाले माता-पिता ही होते हैं छोटा बच्चा घर पर देखता है जो क्रिया माता-पिता करते हैं वह बच्चे अपने जीवन में उतरते हैं अगर माता-पिता धार्मिक प्रवृत्ति के हैं तो बच्चा निश्चित रूप से धार्मिक बनेगा
जैसी क्रिया माता-पिता करेंगे वैसे बच्चा करता हुआ चला जाएगा
पिता भगवान का अभिषेक करता है तो बच्चा निश्चित रूप से अभिषेक करेगा
माता मंदिर जाती है दर्शन करती है पूजन करती है तो उनके बच्चे भी दर्शन और पूजन से जुड़ पाएंगे
आज तुम बच्चों को उंगली पड़कर जिनालय लेकर जाओ कल वही बच्चे बड़े होने पर तुम्हें तीर्थ वंदना उंगली पड़कर कर आएंगे
बिना संस्कार दिए बच्चे आपकी सेवा नहीं कर पाएंगे नहीं तुम्हें तीर्थ वंदना करा पाएंगे केवल मात्र तुम देखते रह जाओगे धन तो बहुत इकट्ठा कर लिया लेकिन धन तुम्हारे काम आने वाला नहीं है
बिना संस्कार वाला बच्चा उस धन को अधर्म कार्य में लूटा कर समाप्त कर देगा और केवल माता-पिता देखते रह जाएंगे क्या मेरा बच्चा ऐसा क्यों कर रहा है यह माता-पिता की गलती होगी जिन्होंने संस्कार दिए ही नहीं
जैसा बीज आप बोएंगे वैसे ही फल प्राप्त होंगे आम का वृक्ष लगाने पर आम ही प्राप्त होंगे
बम्बुल उगाने पर बंबूल प्राप्त होंगे
अपार भक्तों को मुनि ने अपना आशीष दिया
महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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