सुप्रसिद्ध राम कथा वाचक मुरारी_बापू पहुचे अंतर्मना गुरुदेव के दर्शनाथ हेतु हुई धर्म चर्चा उभय मासोपवासी साधना महोदधि प.पू. अंतर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्नसागर जी महाराज उपाध्याय श्री 108 पियूष सागर जी महाराज होटल न्यू शिवलोक जिला चमोली उत्तराखंड प्रातः पूजन दीप आराधना हुई संपन्न 4 दिवस में बद्रीनाथ से लगभग 120 किलोमीटर की दुरी की तय निरंतर चल रहा है मंगलमय पदविहार
तेज दोपहरी भीषण गर्मी में बढ़ते कदम हरिद्वार की ओर होटल महालक्ष्मी जिला चमोली में ससंघ की निर्विघिन संपन्न हुई आहारचार्य!महालक्ष्मी रूम स्टे जिला चमोली उत्तराखंड अंतर्मना गुरुभक्त परिवार के द्वारा अष्टद्रव के सहित रूप से संपन्न हुई गुरुपूजन होटल प्रयाग पैलेस जिला चमोली उत्तराखंड
अलकनंदा नदी के किनारे संपन्न संध्या गुरुभाक्ति प्रवचन मंगल आरती सुप्रसिद्ध राम कथा वाचक मुरारी_बापू पहुचे अंतर्मना गुरुदेव के दर्शनाथ हेतु हुई धर्म चर्चा10/05/2025 जिला चमोली उत्तराखंड में आहारचर्या में हगी आज विहार दरम्यान उपस्थित गुरु भक्तों को संबोधित करते हुए आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी महाराज ने कहा कि
मुझको मेरा प्यारा भारत देश चाहिए..धोती कुर्ता साड़ी लहंगा वेश चाहिए..!भारत और इण्डिया में है भारी अन्तर। कथनी का साधु, करनी का व्यन्तर,, इसलिए इंडिया नहीं भारत बोलो।
भारत में गाँव, गली और चौबारा है।
इण्डिया में सिटी है, मॉल है, पंचतारा है। भारत में घर, चबूतरा और दालान है।
इण्डिया में फ्लैट, क्वार्टर और मकान है। भारत में काका है, बाबा है, दादा-दादी है। इण्डिया में अंकल, आण्टी की आबादी है। भारत में खजूर, जामुन और आम है।
इण्डिया मेंमैगी, पिज्जा, माजा (नकली आम) है।
भारत में मटके, दोने और पत्तल है। इण्डिया में पॉलिथिन, वाटर, वाईन बोटलें है। भारत में गाय, गोबर और कण्डे है।
इण्डिया में मौमोज, चिकन, बिरयानी अण्डे है। भारत में दूध, दही और लस्सी है।
इण्डिया में प्राण घातक वियर, ह्विस्की, कोक, पेप्सी है।
भारत में रसोई है, आँगन है, तुलसी है। इण्डिया में रूम है, कमोड की कुर्सी है।
भारत में कथरी है, खटिया है, खर्राटे हैं। इण्डिया में बेड है, डनलप है और करवटो के साथ खुजलाहट है।
भारत में मन्दिर, तिथि, वार है और हर दिन त्यौहार है। इण्डिया में
पब है, डिस्को है और हॉटल है। भारत में
गीत, संगीत और कीर्तन है।
इण्डिया में डान्स है, पॉप है, आईटम है। भारत में
बुआ है, मौसी है, बहन है इण्डिया में
सब के सब कज़न है।
भारत में पीपल है, बरगद है, नीम है।
इण्डिया में वॉल पर पूरे सीन है।
भारत में आदर, प्रेम और अतिथि का इन्तजार है। इण्डिया में
स्वार्थ हैं, नफरत है, दुत्कार है। भारत में
वाणी, व्यवहार और अतिथि सत्कार है। इण्डिया में एक अँग्रेजी, एक बड़बोली और भाषा की चाटुकारता है।
भारत में
सहज, शुद्ध और सात्विक है। इण्डिया में धूर्त, कपट और चालाकी से वास्तविक है।भारत में
सुख, शान्ति, सन्तोष है।
इण्डिया में
बदहवास, दु:खी, परेशान है। क्योंकि भारत देव भूमि है। भारत ने सभी तीर्थंकर महापुरूषों को जन्म दिया।
इण्डिया ने लालची, लोभी अँग्रेजों को बसाया है।
इसलिये इंडिया कहना त्याग करो, भारत बोलना स्वीकार करो…!!! नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद
Regards,
Piyush Kasliwal
9860668168