नाहरलागुन: नाहरलागुन के दिगंबर जैन मंदिर में चातुर्मासार्थ प्रवासित आर्यिका प्रतिज्ञाश्री, आर्यिका प्रेक्षाश्री एवं क्षुल्लिका परमशांताश्री माताजी के द्वारा नित्य चल रहे प्रवचन के माध्यम से जैन धर्म के मूल सिद्धान्तों और नैतिक मूल्यों को उजागर करने वाला, आत्म शुद्धि के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाला, दिगम्बर जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व “दसलक्षण महापर्व” की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए अपना आशीर्वाद प्रदान किया। गुरु मांँ ने दिसपुर चातुर्मास रत आर्यिका परीक्षाश्री माता के 25वें अवतरण दिवस की बधाई देते हुए उनके संन्यास जीवन की सफलता की भी कामना की। मालूम हो कि पूज्य माता का जन्म आज ही के दिन उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर इटावा में हुआ था। उन्होंने अपनी लौकिक शिक्षा पूरी करने के बाद अपने जीवन की बागडोर आचार्य प्रमुख सागर महाराज को सौंपकर अपनी एक नई पहचान आर्यिका परीक्षा श्री माता के नाम से विकसित की।जिनका अभी असम की राजधानी दिसपुर में चातुर्मास चल रहा है।।
Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha