प्रेस विज्ञप्ति
श्री दिगंबर जैन मंदिर बलबीर नगर, शाहदरा दिल्ली में पाठशाला प्रणेता मुनि श्री अनुमान सागर जी के सानिध्य में ” आर्ष परम्परा में पूजन विधान ” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
अखिल भारतीय जैन ज्योतिष आचार्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बलबीर नगर मंदिर कमेटी के साधु सेवा समिति के अध्यक्ष श्री रवि जैन गुरुजी एवं पंडित रत्न श्री दीपक जी शास्त्री के संयोजन में आयोजित गोष्ठी में दिल्ली एन सी आर से पधारे अनेक विद्वानों ने उपरोक्त विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
विद्वानों ने कहा कि आर्ष परम्परा के अनुसार पूजन पद्धति भगवान महावीर के समय से चलती आ रही है, आचार्य कुंद कुंद स्वामी ने भी इसका उल्लेख चैत्य भक्ति में किया है, समयानुसार इसका लोप कुछ समय के किए हो गया था, 13 वीं शताब्दी में भट्टारक परम्परा में पूजन पद्धति का पुनः प्रादुर्भाव हुआ, उन्होंने बताया कि देशकाल के प्रभाव से पूजन पद्धति में भिन्नता भी पायी जाती है।
इन विषयो पर ध्यान न देकर पूजन पद्धति की मूल परम्परा को अपनाना चाहिए, और परस्पर किसी प्रकार का विरोध नहीं रखना चाहिए।
मुनि श्री अनुमान सागर जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैन धर्म का प्राण अहिंसा है, और हमें अहिंसा धर्म का पालन करते हुए पूजन पद्धति अपनानी चाहिए,
संगोष्ठी में श्रीमान जयकुमार जैन उपाधेय,प्रो. डॉ.टीकम चन्द जैन, डॉ अरविंद जैन, प.अशोक जैन गोयल, प. अशोक जैन धीरज, प.अजित जैन चेतन, प.मुकेश जैन गुरुग्राम, पंडित सोनल जैन शास्त्री दिल्ली, प.ऋषभ जैन दरियागंज, प. प्रदीप जैन, प. नीरज जैन, प. प्रदीप जैन,प. शैलेन्द्र जैन, प. अखिलेश जैन, प. संजय जैन पावला, प. रुपेश जैन, प. महावीर प्रसाद जैन, प. सुशील जैन, प. संजय जैन, प. सतीश जैन शास्त्री, प. विमल जैन, प. मदन जैन,प. दीपक जैन, प. रोहित जैन, प. चक्रेश जैन, प. नेमीचंद जैन, प. जिनेन्द्र जैन अकेला, प. जय कुमार जैन उपाध्ये, प. संदीप जैन, प. आदर्श जैन, डॉ. सुमेर चन्द जैन, श्री देवेन्द्र कुमार जैन, ने भाग लिया.
कार्यक्रम का कुशल संचालन पंडित रत्न श्री दीपक शास्त्री, एवं डॉ अरविन्द जैन शास्त्री ने संयुक्त रूप से किया.
संगोष्ठी के समापन पर सभी विद्वानों का स्वागत सम्मान करते हुए आयोजक श्री दिगंबर जैन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष श्री अनिल जैन जोले वाले, महामंत्री राजीव जैन, संरक्षक चमन लाल जैन, और अतिथि भवन अध्यक्ष श्री जितेंद्र जैन, भंडारी सिद्धार्थ जैन, अनिल जैन, सुनील जैन, सचिन जैन, पंकज जैन, सचिन जैन (जैन प्रॉपर्टी) आदि ने सभी विद्वानों का आभार व्यक्त किया।