*गुवाहाटी*: अर्हम ध्यान योग प्राचीन श्रमण पद्धतियों पर आधारित एक ध्यान योग है। यह शरीर, मन और आत्मा को फिर से जीवंत कर देता है। यह शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए एक संपूर्ण पैकेज है। इसमें आसन, सरल मुद्रा, प्राणायाम और ध्यान जैसे अष्टांग-योग के विभिन्न पहलू शामिल हैं। ध्यान योग होने के कारण यह मुख्य रूप से ध्यान पर केंद्रित है। यह उक्त बातें रविवार को फैंसी बाजार स्थित श्री दि.जैन(बड़ा) मंदिर में *अंतरराष्ट्रीय योग दिवस* के उपलक्ष में उपस्थित योग साधक संगीता गोधा ने कहीं। उन्होंने कहा कि यह आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज द्वारा मानव जाति को एक उपहार है। उन्होंने हजारों साल की प्राचीन प्रक्रियाओं को सरल बनाया और उन्हें आम लोगों के लिए सुलभ बनाया। इस अवसर पर श्री दिगंबर जैन महिला समिति (अंतर्गत श्री दिगंबर जैन पंचायत) द्वारा फैंसी बाजार स्थित जैन(बडा़) मंदिर में रविवार को प्रातः 7:30 से 8:30 बजे तक एक ध्यान योग शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संगीता बड़जात्या द्वारा मंगलाचरण के साथ हुआ। तत्पश्चात अर्ह ध्यान योग की साधक संगीता गोधा, पिंकी पांडया, सुधा गंगवाल, स्वाति चांदुवाड़ ने योग सत्र का संचालन किया। जिसमें बड़ी संख्या में स्वास्थ्य जागरूक लोग एकत्रित हुए और योगाभ्यास के माध्यम से अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सृद्र करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर समिति की मंत्री रेखा बड़जात्या व कोषाध्यक्ष संगीता गंगवाल ने कहा कि इस तरह के आयोंजन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं बल्कि मानसिक शांति और स्थिरता भी प्रदान करते हैं। इस योग दिवस समारोह को सफल बनाने में समिति की सभी सदस्याओं का पूर्ण सहयोग रहा। यह जानकारी महिला समिति की मंत्री रेखा बड़जात्या द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई है।।
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