अंतर्राष्ट्रीय रोगियों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन गया है भारत
यमुनानगर, 28 अप्रैल (डा. आर. के. जैन):
भारत में चिकित्सा पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिससे यह देश अंतर्राष्ट्रीय रोगियों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन गया है। भारत अपनी सामर्थ्य, उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी और विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के कारण हर साल हजारों चिकित्सा पर्यटकों को आकर्षित करता है। जानकारी देते हुये स्पेन के वालाडोलिड स्थित यूनिवर्सिटी क्लीनिकल हॉस्पिटल के रिसर्चर डा. आकाश जैन ने बताया कि भारत में चिकित्सा पर्यटन का सबसे बड़ा लाभ लागत-प्रभावशीलता है। जटिल सर्जरी और उपचार, जैसे हृदय संबंधी प्रक्रियाएं, अंग प्रत्यारोपण और कॉस्मेटिक सर्जरी, पश्चिमी देशों की तुलना में काफी कम खर्चीले हैं। इसके अतिरिक्त भारत में अत्यधिक कुशल डॉक्टर और आधुनिक तकनीक से लैस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अस्पताल हैं। एक और अनूठा आकर्षण भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा शामिल है, जो दुनिया भर से स्वास्थ्य चाहने वालों को आकर्षित करती है। सरकार ने चिकित्सा वीज़ा शुरू करके और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा पर्यटन को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र को भी सुविधाजनक बनाया है। हालांकि, चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। जहां शीर्ष-स्तरीय अस्पताल वैश्विक मानकों को बनाए रखते हैं, वहीं छोटी सुविधाओं में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी हो सकती है। बुनियादी ढाँचे और पहुँच संबंधी समस्याएं, जैसे कि लम्बे वीज़ा प्रसंस्करण समय और कुछ क्षेत्रों में अपर्याप्त परिवहन, चिकित्सा पर्यटकों को रोक सकते हैं। भाषा संबंधी बाधाएं और सांस्कृतिक अंतर भी चुनौतियां पेश करते हैं। इसके अलावा अंग तस्करी और चिकित्सा नैतिकता से संबंधित चिंताओं को सख्त नियमों की आवश्यकता है। भारत जैसे देश को विकास को बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार, नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करने और रोगी के अनुभवों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सही उपायों के साथ, भारत चिकित्सा पर्यटन में वैश्विक नेता बन सकता है।
फोटो नं. 1 एच.
जानकारी देते डा. आकाश जैन………………..(डा. आर. के. जैन)
भारतीय जैन मिलन क्षेत्र संख्या-7 का 33 वां क्षेत्रीय अधिवेशन आयोजित
श्रेष्ठ कार्य करने वाली शाखाओं व सदस्यों को किया गया सम्मानित
यमुनानगर, 28 अप्रैल (डा. आर. के. जैन):
भारतीय जैन मिलन क्षेत्र संख्या-7 का 33 वां क्षेत्रीय अधिवेशन का आयोजन जैन मिलन शाखा अम्बाला के आतिथ्य में लॉर्ड महावीर जैन पब्लिक स्कूल के सभागार में किया गया। क्षेत्रीय अध्यक्ष अतिवीर एस. के. जैन ने ध्वजारोहण कर के अधिवेशन का शुभारम्भ किया। वीर विपिन जैन व वीर राजेन्द्र कुमार जैन ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अतिवीर सुरेश जैन रितुराज, राष्ट्रीय महामंत्री (प्रशासन) अतिवीर अजय जैन सहारनपुर, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिवीर जयकुमार जैन सोनीपत, राष्ट्रीय संरक्षक अतिवीर अरविन्द जैन अम्बाला शहर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गण अतिवीर नरेश कुमार जैन सोनीपत, अतिवीर अजित प्रसाद जैन रेवाड़ी, अतिवीर विनोद कुमार जैन सोनीपत, वीर महन्त जैन सोनीपत, रा. संयुक्त मंत्री वीर अजित प्रसाद जैन रोहतक, क्षेत्रीय अध्यक्ष अतिवीर एस. के. जैन (एडवोकेट) सोनीपत, क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अतिवीर संत कुमार जैन चंडीगढ़, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष वीर ललित कुमार जैन अम्बाला छावनी, क्षेत्रीय उपाध्यक्षा वीरांगना नेहा जैन रेवाड़ी, क्षेत्रीय मंत्री अतिवीर पीयूष जैन सोनीपत, क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष अतिवीर अतुल जैन (एडवोकेट) गन्नौर, महिला चेयर पर्सन वीरांगना सरिता जैन सोनीपत, अम्बाला शाखा अध्यक्ष वीर आलोक जैन, शाखा मंत्री वीर राज कुमार जैन आदि सभी अतिथियों का स्वागत किया और मंच पर आमंत्रित किया। भगवान महावीर स्वामी के चित्र का अनावरण वीर अरुण जैन व अभय जैन व दीप प्रज्ज्वलन वीर अजय कुमार जैन द्वारा किया गया। तत्पश्चात् महिला जैन मिलन अम्बारा की वीरांगनाओं द्वारा महावीर प्रार्थना की गई। क्षेत्रीय मंत्री अतिवीर पीयूष जैन द्वारा मंच संचालन करते हुए सभी आए हुए अतिथियों का परिचय कराया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अतिवीर सुरेश रितुराज ने अपने संबोधन द्वारा सभी को जोश से भर दिया और अधिक कार्य करने के लिये प्रेरित किया। क्षेत्रीय अध्यक्ष अतिवीर एस. के. जैन ने अपने स्वागत उद्बोधन में अधिवेशन में पधारे सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए क्षेत्र की प्रगति व उज्ज्वल भविष्य की कामना की। पीयूष जैन ने अपने क्षेत्र की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए शाखाओं द्वारा समय-समय पर किये जाने वाले धार्मिक, सामाजिक व जीव दया के कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। शाखाओं द्वारा पूजन, विधान, नैतिक शिक्षण शिविर, मेडिकल कैम्प, रक्तदान शिविर, गऊशालाओं में चारा प्रदान करना, भण्डारा लगाना आदि कार्य प्रचुर मात्रा में किये जा रहे हैं। अम्बाला छावनी व यमुनानगर की शाखाओं द्वारा मरणोपरान्त नेत्र डोनेशन का कार्य करवाया जा रहा है। यमुनानगर व गुरुग्राम जैन मिलन शाखाओं द्वारा जैन समाज के सहयोग से पक्षी हास्पिटल भी चलाये जा रहे हैं। अतिवीर अजय जैन ने कहा कि क्षेत्र में शाखायें कार्य तो बहुत कर रही हैं परन्तु अपनी रिपोर्ट नहीं भेजती हैं। नई शाखाएं खोलने के लिए व शाखाओं में सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। निष्क्रिय शाखाओं को सक्रिय बनाने का प्रयत्न किया जा रहा है। समारोह में क्षेत्र की अतिरिक्त कई दूर दराज की शाखाओं के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। वर्ष भर में श्रेष्ठ कार्य करने वाली शाखाओं व कार्यकर्ताओं का प्रतीक चिन्ह भेंट कर के सम्मान किया गया। मंचासीन सभी विशिष्ट अतिथियों को शाल, सम्मान प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अन्त में अरिहन्त जय-जय की स्तुति गान के साथ समापन किया गया।
फोटो नं. 2 व 3 एच.
मंचासीन व शाखाओं को सम्मानित करते पदाधिकारी……………..(डा. आर. के. जैन)