अंतर्मना आचार्य सहित 15 पीछी धारियों ने किया लोकसभा का अवलोकन
राजेश जैन दद्दू
नई दिल्ली (विप्र)। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 14 दिसंबर 2025 का दिन एक इतिहास रच गया। परम पूज्य अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी, उपाध्याय श्री पीयूष सागर जी, प्रवर्तक मुनिश्री सहज सागर जी, निर्यापक मुनिश्री नवपद्य सागर जी, मुनिश्री अप्रमत्त सागर जी व मुनिश्री परिमल सागर जी छह दिगंबर मुनिराजों एवं आर्यिका माता जी सहित अंतर्मना संघस्थ 15 पीछी धारियों ने नई लोकसभा भवन, पुराना संसद भवन व राष्ट्रपति भवन का अवलोकन र्किया। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि वहां संबंधित अधिकारियों ने विस्तार से हर जगह का और वहां होने वाले क्रिया कलापों की जानकारी बड़े ही विनम्र भावों से सभी आचार्य संसघ संतों को दी। लोकसभा की कार्यवाही किस प्रकार चलती है, कौन कहां बैठता है, कैसे वोटिंग होती है, सभी को अच्छी तरह से समझाया गया। राष्ट्रपति भवन में भी सेंट्रल हॉल, भोजन कक्ष, विदेशी
अतिथियों से मिलने का स्थान, पूरा विवरण, अमृत उद्यान (मुगल गार्डन) आदि की विस्तृत जानकारी दी गई। सभी जगह उपस्थित, अधिकारीगण, विदेशी पर्यटक व भारतीय दर्शक भी इतने बड़े संघ को देखकर आश्चर्य चकित हो रहे थे। दद्दू ने बताया कि सर्वप्रथम प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर जी शास्त्री के समय में आचार्य देशभूषण महाराज जी संसद गए थे, इस के बाद में आचार्य अंतर्मना प्रसन्न सागरजी संसघ पधारे।
लोकतंत्र व जैन इतिहास में एक अभूतपूर्व कार्य संपन्न हुआ। संघ के साथ बड़ी संख्या में श्रावकों को भी संघ के निमित्त से इन चीजों को बारीकी से समझाया गया। राष्ट्रपति के भोज स्थल पर ये जानकारी भी दी गई कि वर्तमान राष्ट्रपति जी विशुद्ध शाकाहारी हैं व यहां भोज में मद्य मांस का प्रयोग नहीं किया जाता है।












