अंतर्राष्ट्रीय फल दिवस उन सभी लोगों को संबोधित करता है जो सकारात्मक जीवन स्थितियों का निर्माण और संरक्षण करते हैं। 2007 में घोषित किया गया और पहली बार बर्लिन में वॉल पार्क में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय फल दिवस प्रतिवर्ष 1 जुलाई को दुनिया भर में कई स्थानों पर होता है जहां लोग अपने पसंदीदा फल दूसरों के साथ साझा करते हैं।
फल, एक फूल वाले पौधे का मांसल या सूखा पका हुआ अंडाशय, बीज या बीज को घेरता है। इस प्रकार, खुबानी, केला, और अंगूर, साथ ही बीन फली, मकई के दाने, टमाटर, खीरे, और (उनके गोले में) बलूत का फल और बादाम, सभी तकनीकी रूप से फल हैं।
क्या आप फल खाने का सही समय जानते हैं? दरअसल, ज्यादातर लोगों को फल खाने के सही समय को लेकर कंफ्यूजन रहता है कि आखिरकार वो फल किस समय खाएं?
फल खाने को लेकर कई सारी कहानियां भी बताई जाती हैं. जैसे की सीता मां ने वनवास में फल खाकर ही अपना जीवनयापन किया था. कहा जाता है कि फल में वो औषधीय गुण होते हैं, जिसे खाने से कैंसर जैसी बीमारी भी दूर भागती है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि फल हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सुपरफूड है, इसलिए दुनियाभर में फलों के महत्व को लेकर 1 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय फल दिवस मनाया जाता है.
इसके फायदे के बारे में बखान सुनकर ज्यादातर लोग फल खाते भी हैं, लेकिन इसमें से अधिकांश लोग ऐसे हैं, जिन्हें फल खाने का सही समय और तरीका नहीं पता होता हैं. ऐसे में वो कभी भी फल खा लेते हैं, जिसकी वजह से इसका पूरा फायदा हमारे बॉडी को नहीं पहुंच पाता है. फल खाने का गलत समय आपको कई बीमारियों की ओर भी ले जा सकता है,
आयुर्वेद के मुताबिक, फल को लेकर ध्यान देने योग्य दो बातें कही गई हैं.
पहला- फल को सुबह एकदम खाली पेट नहीं खाना चाहिए.
दूसरा- भोजन के साथ फल नहीं खाना चाहिए.
शाम को फल खाने से नींद का समय और पाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए, आयुर्वेद शाम 4 बजे से पहले या सूर्यास्त से पहले फल खाने की सलाह देता है। फल सरल कार्ब्स होते हैं जिसका अर्थ है कि वे जल्दी से टूट सकते हैं, रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत बढ़ा सकते हैं और तुरंत ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं।
फल खाने का सही समय सुबह नाश्ते के 2 से ढाई घंटे बाद या फिर लंच से 1-2 घंटे पहले हो सकता है. ये समय ज्यादातर लोगों के लिए दोपहर 11 से 12 के बीच का होगा.
फल का सेवन लंच के 1 से 2 घंटे बाद और डिनर के 2 से 3 घंटे पहले भी कर सकते हैं. इन सभी समय को देखे, तो आप कह सकते हैं कि फल खाने का सबसे सही समय स्नैक्स या फिर टी ब्रेक टाइम होता है. ये दिन का ऐसा वक्त होता है, जब अगर आप फल खाते हैं, तो इसका पूरा भोषण तत्व आपके बॉडी को मिलता है.
दुनियाभर में 1 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय फल दिवस मनाया जाता है. ये दिवस पहली बार साल 2007 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन के वॉल पार्क में मनाया गया था. इस दिन का उद्देश्य फल के स्वास्थ लाभों के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करना है. साथ ही रोजाना फल खाकर अपने शरीर को स्वस्थ रखने पर भी जोर देना है. इस दिन को लोग परिवार, दोस्तों और जरूरतमंदों के साथ सहानुभूति, खुशी और प्यार में फल बांटकर मनाते हैं.
इस दिन का मुख्य उद्देश्य परिवार के सदस्यों, दोस्तों या जरूरतमंद लोगों के साथ खुशी और सहानुभूति में फल साझा करना है क्योंकि यह दिन उन सभी लोगों को संबोधित करता है जो सकारात्मक रहने की स्थिति बनाते और संरक्षित करते हैं।
सेब, नाशपाती और केले जैसे गूदे वाले फलों से शुरू करें, उनके स्वाद और बनावट के लिए और कम एलर्जेनिक होने के लिए। – सब्जियों का स्वाद और स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें फलों की प्यूरी भी डाली जा सकती है. -अधिक से अधिक पोषण लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चे को विभिन्न प्रकार के फल देने का प्रयास करें।
फलों को उस व्यवस्था के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है जिससे वे प्राप्त करते हैं। चार प्रकार के होते हैं- सरल, कुल, एकाधिक, और सहायक फल। साधारण फल एक ही फूल के एक अंडाशय से विकसित होते हैं और मांसल या सूखे हो सकते हैं।
वर्तमान में शाकाहार का चलन बढ़ रहा हैं इसके अंतर्गत फलाहार ,दुग्धाहार ,समायोजित हैं .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३
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