औरंगाबाद :- जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के बाद उग्रतम तप त्याग तपश्या करने वाले देश के दिगम्बर जैन सन्त साधना महोदधि उभयमासोपवासी अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज की वर्तमान में जैन धर्म की सबसे बड़ी साधना 596 दिवस की दीर्घकालीन सिंह निस्क्रितव्रत व मौन साधना तीर्थराज सम्मेद शिखर जी के पर्वत पर चल रही है। अब तक उक्त उपवास के 400 दिन पूर्ण हो चुके है आगामी शेष बचे दिनों की साधना के बाद पूज्य गुरुदेव का महापारणा होना है जिसे देशभर के भक्त महासाधना महापारणा व महाप्रतिष्टा महामहोउत्सव के रूप में आगामी दिनांक 27 जनवरी से 3 फ़रवरी 2023 तक मनाएंगे जिसे लेकर अन्तर्मना गुरुदेव जिनके आशीर्वाद से शास्वत तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी 20 पंथी कोठी के अंतर्मना सभाग्रह मे 25 सितम्बर 2022 को महासाधना महापारणा एवं महाप्रतिष्ठा को लेकर एक आवश्यक सभा शिष्य सौम्य मूर्ति मुनि श्री पीयूष सागर महाराज के सानिध्य मैं अतिविशिष्ट जनों की उपस्थिति मे सम्पन्न हुई l जानकारी देते हुए आयोजन के मीडिया प्रभारी रोमिल जैन नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल ने बताया कि मीटिंग मैं भारत वर्ष के विभिन्न शहरों से गुरु भक्त जन उपस्थित हुए l
सभा की शुरुवात अंतर्मना गुरुजी के जय घोष एवं णमोकार मंत्र का सामूहिक उच्चारण कर मंगलाचरण से प्रारम्भ हुई l दीप प्रज्ज्वलन माननीय पूर्व न्याय मूर्ति श्री के. यु. चाँदीवाल जी, श्री अशोक कुमार जैन बड़ोदा , अशोक डोशी मुम्बई, कौशिक जैन अहमदाबाद ने किया l महोत्सव का मास्टरप्लान एवं प्रारम्भिक व्यवस्थाओ का विस्तृत विवरण आकाश जैन ने प्रस्तुत किया l महोत्सव के प्रमुख संयोजक ऋषभ कुमार जैन ने महोत्सव की तैयारीयों का सचित्र प्रेकेजेंटेशन LED के माध्यम से दिया l जस्टिस के यु चाँदीवाल साहब ने मीटिंग एवं महोत्सव की तैयारियो की समीक्षा एवं मोटिवेशन उद्बोदन प्रदान किया l बैठक के समापन पर महोत्सव के महासचिव डॉ संजय जैन ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए सभी से महोत्सव मैं सहभागिता प्रदान कर महोत्सव को भव्यता से सपन्न करने का निवेदन किया l। नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद रोमिल पाटणी सोनकच्छ