अंतर्राष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस हर साल 30 अगस्त को मनाया जाता है। व्हेल शार्क के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस मनाया जाता है। भारतीय वन्य जीव न्यास व्हेल शार्क बचाव अभियान शुरू करने जा रहा है। यह अभियान कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में चलाया जाएगा।
व्हेल शार्क के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य मछुआरों, ग्रामीणजनों और विद्यार्थियों में व्हेल शार्क के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाना है। इसके अतिरिक्त व्हेल शार्क के संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन भी विकसित की गई है।
मैक्सिको के इस्ला होलबॉक्स द्वीप में अंतर्राष्ट्रीय व्हेल शार्क सम्मेलन में 2008 से प्रत्येक वर्ष यह दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।
व्हेल धरती पर शार्क की सबसे बडी प्रजाति है। इसकी लम्बाई 60 फीट तक हो जाती है। यह मछली सुस्त और शांत स्वभाव की होती है। आमतौर पर यह उथले पानी में तैरना पसंद करती है। इसलिए यह मछुआरों का आसानी से शिकार बनती है। मांस बाजार के कारण व्हेल शार्क की संख्या लगभग पचास प्रतिशत कम हो गई है जिसके कारण यह विलुप्त होने की कगार पर पहुंच रही है। व्हेल शार्क बचाव अभियान से इस खूबसूरत मछली की पुरानी शान फिर से लौटाने में मदद मिलेगी।
भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत विशेष शेड्यूल वन स्पीशीज घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि इसका अवैध शिकार करने, मारने इसकी तस्करी के लिए न्यूनतम 3 साल और अधिकतम 7 साल की सजा और ₹25000 जुर्माने का दंड दिया जा सकता है।
एक ऐसा ही प्रोजेक्ट WTI ने गुजरात में शुरू किया था जो पिछले 20 साल से अभी तक चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत 900 व्हेल शार्क्स को अरेबियन सी में छोड़ा गया। मछुआरों ने व्हेल शार्क्स के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
20 टन से अधिक वजनी व्हेल शार्क समुद्र की सबसे बड़ी मछली है।
एक व्हेल शार्क औसतन 70 साल तक जीवित रहती है।
कुछ व्हेल शार्क 32 फीट से अधिक लंबी हो जाती हैं।
ये सौम्य दानव लगभग एक बस के आकार के समान हैं।
व्हेल शार्क का निवास स्थान दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय समुद्रों में पाया जाता है।
व्हेल शार्क मांसाहारी होती हैं, लेकिन उनके दांत केवल 6 मिमी लंबे होते हैं।
मानव उंगलियों के निशान की तरह, व्हेल शार्क में भी एक अद्वितीय त्वचा पैटर्न होता है।
इनकी लंबाई 14 मीटर तक हो सकती है, साथ ही इनका वजन औसतन 12 टन होता है।
वे लगभग 50 मीटर की गहराई वाले समुद्र में घूमना पसंद करते हैं।
वे 1,000 मीटर तक गोता लगा सकते हैं
अंतर्राष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस के सम्मान में इन अविश्वसनीय जानवरों की मदद करने का एक और तरीका यह है कि आप प्लास्टिक के उपयोग में कटौती करें और सुनिश्चित करें कि आप ठीक से रीसाइक्लिंग कर रहे हैं। आप भी इस मुद्दे पर जागरूकता फैला सकते हैं.
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३