अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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शिक्षा का महत्व
हमारे देश की प्रगति के लिए बहुत ज़रूरी है। हमारे देश में शहरों की तुलना में गाँव के लोग कम शिक्षित होते हैं। शिक्षा हमारी खुद की और देश की प्रगति में मदद करती है। शिक्षित आदमी को समाज में मान सम्मान भी खूब मिलता है। हम शिक्षा के माध्यम से जीवन में बहुत सफलता प्राप्त कर सकते है। इसलिए हमारे और समाज का शिक्षित होना जरूरी है।
आजकल के युग में अगर इंसान शिक्षित ना रहा तो उसे जीवन बिताने में कठिनाई हो सकती है। पढ़ाई करना इंसान के जीवन में बहुत जरूरी होता है। गरीब से गरीब आदमी भी अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर अफसर बनाने का सपना देखता है । और अगर कोई बच्चा ठान ले तो बहुत पढ़ लिखकर डॉक्टर, वकील, जज या संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा देकर बड़ा अफसर बन सकता है। आजकल के युग में अगर इंसान शिक्षित ना रहा तो उसे बाहर की दुनिया में कोई इज्जत नहीं देगा उसका सम्मान नहीं करेगा। हमारे देश में ऐसे भी लोग है जो बेटी को पढ़ाने में नहीं मानते और अपने बेटों को बहुत पढ़ाते है। हमें जीवन में सबको शिक्षा का महत्व ध्यान में रखना ही चाहिए।
लड़कियों के लिए शिक्षा का महत्व
भारत में लड़कियों की शिक्षा का प्रमाण लड़कों से कम है। भारत के लोग लड़कियों को ज्यादा पढ़ाने में नहीं मानते। स्कूल तक ही पढ़ाते है और लड़कियों की शादी करवा देते है। लड़कियों की शिक्षा भी उतनी ही जरूरी होती है जितनी लड़को की। हर इंसान को पढ़ने लिखने का हक होता है। हमें लड़कियों के माता पिता को शिक्षा का महत्व समझाना चाहिए। और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की सोच को ज़्यादा से ज़्यादा प्रोत्साहन देना चाहिए। हमारे देश को सावित्री बाई फुले जैसे स्वतंत्रता सैनिकों की वजह से जाना जाता है और हम उसी देश में लड़कियों को नहीं पढ़ाएँगे तो हमारे देश की प्रगति खंडित हो जाएगी। हमारा देश कभी पूरी तरह से डेवलप नहीं होगा और प्रगति न होने के कारण हमारा देश बाक़ी देशों से पीछे रह जाएगा।
कितना जरूरी
इंसान के पास कम से कम ग्रेजुएशन की डिग्री होनी ही चाहिए। डिग्री के बिना हमें नौकरी भी कोई नहीं देगा। हमें ‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया’ को अधिक प्रोत्साहन देना चाहिए। यदि हम शिक्षित होंगे तो हमारी पर्सनैलिटी प्रभावशाली हो जाती है। लोग हमें इज़्ज़त भरी नज़रों से देखते है। हमें अच्छे शिक्षण की वजह से अच्छी नौकरी मिलती है। अच्छी नौकरी होगी तो अच्छी सैलरी होती है जिसके कारण हम एक अच्छा जीवन बिता सकते है। हमारे देश में डॉक्टर बी.आर. अम्बेडकर जैसे लोग थे जिन्होंने हमारे स्वतंत्र भारत का संविधान लिखा। हमारे देश की आने वाली पीढ़ी का शिक्षित होना उनके उज्जवल भविष्य के लिए बहुत ज़रूरी है।
भारत देश में आज भी अशिक्षित लोगों का प्रमाण 23 प्रतिशत है। इसलिए हमारे देश की गिनती आज भी डिवेलपिंग कंट्रीज़ में की जाती है। पर हर बार माता पिता का दोष नहीं होता, गरीब से गरीब आदमी भी अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर अफसर बनाने का सपना देखता है, पर उस इंसान की जिंदगी में ऐसे कुछ हालात आते है जो ऐसा होने की अनुमति नहीं देते। कई गरीब लोगों के पास दो वक्त की रोटी खाने के पैसे भी नहीं होते तो ऐसे हालात में वो माँ बाप अपने बच्चे को कैसे पढ़ाएं लिखाए। हमारे देश में गरीबी का प्रमाण ज्यादा है जिसके कारण कोई माता पिता चाह कर भी अपने बच्चों को स्कूल, कॉलेज नहीं भेज पाते।
आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व
आधुनिक युग आज इतनी तेज़ी से चल रहा है कि इस इस युग को आधुनिकता का क्रांतिकारी युग बोला जा सकता है।किसी भी समय में बदलाव अपने आप नहीं आते, बदलाव लाए जाते हैं और इनके पीछे की यह प्रक्रिया शिक्षा के बिना असंभव है। आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है।
लोगों को अपना जीवन जीने में और अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए शिक्षा की काफी जरूरत है। शिक्षा जीवन को बेहतर बनाने वाली संभावनाओं तक पहुँचती है। आज सिर्फ ज्ञान प्राप्त करना ही काफी नहीं, औद्योगिकरण के युग में ज्ञान के प्रयोग पर अधिक बल दिया जाता है। इसे व्यावहारिक ज्ञान कहा गया है। इसलिए शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। जिससे बच्चे छात्र जीवन में ही अपने व्यावसायिक समस्याओं के समाधान प्राप्त कर कुशल कर्मचारी बन सके।
आधुनिक युग में विकसित होती सभ्यता तथा मशीनीकरण ने जहां एक और मनुष्य का काम कम किया है। वहीं दूसरी ओर लोग बेरोज़गार भी हुए हैं। वर्तमान समय में शिक्षा के द्वारा आत्मनिर्भर बनने की मुहिम चलाई जा रही है।
इससे ना सिर्फ नए रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे बल्कि नए व्यवसाय व कार्य क्षेत्र के मार्ग भी खोजे जाएँगे। शिक्षा समाज में आवश्यकता से बढ़कर एक मापदंड बन गई है। समाज में उन्हीं लोगों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, जिन्होंने अच्छी शिक्षा प्राप्त की है। इसलिए कहा जा सकता है कि आधुनिक युग में शिक्षा बहुत आवश्यक है।
समाज में शिक्षा का महत्व
शिक्षा मनुष्य के अंदर अच्छे विचारों को लाती है और बुरे विचारों को बाहर करती है। शिक्षा मनुष्य के जीवन का मार्ग दिखाती है। यह मनुष्य को समाज में प्रतिष्ठित काम करने के लिए प्रेरणा देती है। इससे मनुष्य के अंदर मनुष्यता आती है। इसके माध्यम से मानव समुदाय में अच्छे संस्कार डालने में पर्याप्त मदद मिलती है।
शिक्षा मनुष्य को पशु से ऊपर उठाने वाली प्रक्रिया है। पशु अज्ञानी होता है उसे सही या ग़लत का बहुत कम ज्ञान होता है। अशिक्षित मनुष्य भी पशुतुल्य होता है। वह सही निर्णय लेने में समर्थ नहीं होता है। लेकिन जब वह शिक्षा प्राप्त कर लेता है तो उसकी ज्ञानचक्षु खुल जाती है। तब वह प्रत्येक कार्य सोच-समझकर करता है। उसके अंदर जितने प्रकार की उलझनें होती हैं, उन्हें वह दूर कर पाने में सक्षम होता है। शिक्षा का मूल अर्थ यही है कि वह व्यक्ति का उचित मार्गदर्शन करे। जिस शिक्षा से व्यक्ति का सही मार्गदर्शन नहीं होता, वह शिक्षा नहीं बल्कि अशिक्षा है।
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

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