अंतर्राष्ट्रीय पुरातत्व दिवस का आयोजन संपन्न।

0
5
जबलपुर। अंतर्राष्ट्रीय पुरातत्व दिवस का कार्यक्रम शासकीय संभागीय रानी दुर्गावती संग्रहालय, जबलपुर में संग्रहालय अध्यक्ष श्री के एल डाबी जी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। अंतर्राष्ट्रीय पुरातत्व दिवस हर साल अक्टूबर महीने के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है। इसका आयोजन अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी (AIA) द्वारा किया जाता है, जिसका उद्देश्य पुरातत्वविदों के कार्य और पुरातत्व अध्ययन के महत्व को लोगों तक पहुंचाना है। इस दिन दुनिया भर के विभिन्न संगठनों द्वारा पुरातत्व से जुड़े कार्यक्रम, कार्यशालाएं और प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं ताकि आम जनता को इस क्षेत्र के प्रति जागरूक किया जा सके।
कार्यक्रम का आयोजन निर्ग्रंथ सेंटर आफ आर्कियोलॉजी एवं श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ संरक्षणी महासभा जबलपुर संभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजन किया गया।
       इस अवसर पर डॉ यतीश जैन द्वारा अपने उद्बोधन में बताया कि इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को पुरातत्व विज्ञान और इसके महत्व के बारे में जानकारी देना है। इसके तहत पुरातत्व अध्ययन के जरिए प्राचीन सभ्यताओं और उनके जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
यह दिवस हमारे इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को समझने और उन्हें बचाने का एक अवसर प्रदान करता है। पुरातत्व के अध्ययन से हमें वर्तमान और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं, जैसे पर्यावरणीय परिवर्तन, सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक विविधता का महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री के एल डाबी द्वारा बताया गया कि
इस दिन अक्सर ऐतिहासिक स्थलों की सैर, संग्रहालय यात्राएं और पुरातत्व अभियानों का आयोजन किया जाता है। कई संगठनों और संग्रहालयों द्वारा प्राचीन कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई जाती है।स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पुरातत्व पर व्याख्यान, सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित एडवोकेट अमिताभ भारती द्वारा बताया गया कि पुरातत्व का अध्ययन मानव जाति की उत्पत्ति, उनके विकास और जीवनशैली के बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक माध्यम है। इसके अंतर्गत प्राचीन काल से प्राप्त वस्त्र, बर्तन, औजार, इमारतों और अन्य कलाकृतियों का अध्ययन किया जाता है। पुरातत्व अध्ययन हमारे इतिहास को संरक्षित रखने और उसे समझने में मदद करता है।
कार्यक्रम में उपस्थित श्री चिंतामणि जी द्वारा बताया गया कि इंटरनेशनल आर्कियोलॉजिकल डे हमारे अतीत को समझने, सीखने और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। इसका आयोजन दुनियाभर में व्यापक रूप से होता है, जिसमें बच्चों से लेकर विद्वानों तक सभी शामिल होते हैं। इस अवसर पर जबलपुर जैन शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्री सुनील जी जैन, एडवोकेट सत्येंद्र जैन आदि लोगों उपस्थित थे।
डॉ यतीश जैन, जबलपुर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here