अंधेरे से रोशनी दिखाने वाले गुरु होते हैं जैन मुनि प्रज्ञान सागर महाराज

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नैनवा जिला बूंदी 25 जुलाई गुरुवार 2025
शांति वीर धर्म स्थल पर वर्षा योग कर रहे आचार्य विनिश्चय सागर महाराज के परम प्रभावक पावन शिष्य जैन मुनि प्रज्ञान सागर जैन मुनि प्रसिद्ध सागर वर्षा योग के दौरान 35 दिवसीय णमोकार मंत्र के विधान के 12 वे रोज मुनि ने बताया
णमोकार मंत्र से कोई ऊंचा विधान नहीं है इसमें बैठने वाले प्राणी संसार के सारी बाधाएं सभी संकटों को हरने वाला यही एक मंत्र है
मुनि के प्रवचनों में नैनवा ही नहीं आसपास के ग्रामीण लोग भी अपने-अपने साधनों से धर्म स्थल पर पहुंच कर प्रतिदिन लाभ प्राप्त कर रहे हैं
प्रज्ञान सागर महाराज सरल स्वभावी मृदुल वासी दृढ़ संकल्प श्रमशील चरित्र निर्णय लेने वाले गहन गंभीर संत हैं आपके प्रवचन समाज की एकता के सूत्र में बांधने वाले हैं आपने बताया हम किसी पंथवाद से कोई लेना-देना नहीं है सारे भक्तों को सत उपदेश देकर उनका कल्याण होने वाला मार्ग बताते हैं इसीलिए आपकी नैनवां नगरी में संत आए हैं

सिद्ध चक्र मंडल विधान में भी अनेको परिवारों में बैठकर धर्म का संचय किया
उन्होंने यह भी बताया कि आज समूचा मानवता विघ्यास के कगार पर खड़ा है मानसिक कुठाओं से अभिशप्त है मानव जाति अंधाधुन बढ़ रहे भौतिकवाद विकास भौतिक सुख सुविधा संसाधनों की चकाचौंध में मति भ्रमित अपनी चैतन्य दृष्टि खो चुका है अपने स्वार्थ की भूल भुलैया वाली पगडंडियों के जाल में भ्रमित भटक रहा है ऐसा मार्ग कल्याण का मार्ग नहीं है
सच्चे मन से शुद्ध भावना से अरिहंत सिद्ध आचार्य उपाध्याय उनके बताए मार्ग पर चलने से ही जीव का कल्याण होगा मिथ्यात्व में भटकने से जीव अज्ञानता वस ऐसा कर रहा है
प्रतिदिन शाय काल प्रश्न मंच गुरु भक्ति में अपार भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है
जैन गजट के संवाददाता महावीर सरावगी ने महाराज से पूछा कि लोगों का धर्म से मन विचलित क्यों रहता है
लोगों का अशुभ कर्म का उदय आने से धर्म मार्ग से विचलित हो जाते हैं ऐसा मुनि ने बताया
महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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