अनादि मूल मंत्र णमोकार द्वारा किया गया पंचपरमेष्ठी को नमस्कार

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विश्व कल्याण के लिए सामूहिक णमोकार मन्त्र का हुआ जाप

णमोकार मंत्र के जाप से होता है पुण्य का संचय

फागी संवाददाता

जयपुर – जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मन्दिर में 9 अप्रैल2025 बुधवार को प्रातः विश्व शांति हेतु विश्व शांति हेतु णमोकार महा मंत्र का सामूहिक जाप किया गया । इस अवसर पर विद्वान शिखर चंद जैन ने कहा कि जैन धर्म का सबसे बड़ा मंत्र णमोकार महामंत्र है। इस मंत्र को किसी ने नही बनाया, यह अनादि मंत्र है। यह ऐसा मंत्र है जिसके स्मरण से पाप -कर्म तत्काल नष्ट हो जाते हैं, यह एक अचूक मंत्र है और इसकी साधना का फल अवश्य ही मिलता है। णमोकार मंत्र से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है। प्राचीन शास्त्रों में णमोकार मंत्र को पंच मंगल मंत्र, अपराजित मंत्र, मंत्र राज, नवकार मंत्र, मूल मंत्र, मंगल सूत्र, महामंत्र, अनादि निधन मंत्र सहित आदि नामों से जाना जाता रहा है। प्रबन्ध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि इस मंत्र को पहलीबार षट्खण्डागम ग्रंथ में लिपिबद्ध किया गया था तथा णमोकार मंत्र में कुल 58 मात्राएं, 35 अक्षर, 34 स्वर, 30 व्यंजन और 5 पद हैं। मन्त्र का जाप प्रबंध समिति , महिला मंडल व युवा मंच के अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्वलन तथा किरण जैन के मंगलाचरण से शुभारंभ हुआ और उपस्थित प्रत्येक श्रावक ने १०८ बार जाप करते हुए कुल चौबीस हज़ार जाप किए गए ।

राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

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