यमुनानगर, 7 मार्च (डा. आर. के. जैन):
समाज सेवी व अल्प संख्यक जिला सदस्य गाबिन्द सिंह भाटिया ने अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों के लिये सरकार द्वारा चलाई जा रही छात्रवृति योजना के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि अल्प संख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों विद्यार्थियों के लिये सरकार द्वारा वर्ष 2006 में अल्प संख्यक स्कॉलरशिप योजना का आरम्भ किया था। उन्होंने बताया कि इस योजना की नीति समन्वय, मूल्यांकन एवं रूप रेखा अल्प संख्यक विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिये बनाई गई है। अल्प संख्यक स्कॉलरशिप का उद्देश्य मेधावी अल्पसंख्यक छात्रों को बेहतर उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना व स्कूली शिक्षा पर उनके वित्तीय बोझ को कम करना है, जिससे वह उच्च शिक्षा प्राप्त करके अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकें और देश का नाम रौशन कर सके। उन्होंने आगे बताया कि अल्प संख्यक समुदाय में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन व पारसी शामिल है। सरकार द्वारा 2022-23 से आई. टी. ई. एक्ट के अंतर्गत कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा दिये जाने का प्रावधान किया गया है। छात्रवृति योजना की पात्रता, लाभ, नियम व शर्तों के बाारे में बताते हुये उन्होंने कहा कि नौवीं व दसवीं कक्षा के लिये प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप प्राप्त करने लिये पारिवारिक आय एक लाख रुपये वार्षिक है, टैकनिकल व वोकेशनल कोर्स के लिये पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिये पारिवारिक आय सीमा 2 लाख प्रति वर्ष है, इससे आगे की पढ़ाई के केवल मेधावी छात्र जो यू. जी. व पी. जी. की पढ़ाई करने के लिये पारिवारिक आय ढाई लाख प्रतिवर्ष की सीमा सरकार द्वारा रखी गई है। उन्होंने आगे बताया कि इन सभी विषयों की जानकारी के लिये विभाग की वेबसाईट पर सम्पर्क कर सकते है।
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जानकारी देते गाबिन्द सिंह भाटिया…………….(डा. आर. के. जैन)
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