अजमेर 30 अप्रेल, 2025 अखिल भारतवर्षीय श्री दिगम्बर जैन महासभा, अजमेर संभाग के संयोजक संजय कुमार जैन एवं संभाग महामंत्री कमल गंगवाल ने बताया कि आज अक्षय तृतीया के दिन आदिनाथ भगवान का छः माह पष्चात राजा श्रेयांस के घर पर प्रथम आहार हुआ था जो गुड की भेली बैल के सिर पर दिखने से हुआ था तथा राजा श्रेयांस के घर पर गन्ने का रस का सेवन भी भगवान आदिनाथ द्वारा किया गया था। इसलिये जैन धर्म में इस दिन को अक्षय तृतीया पर्व कहा जाता है सभी जिन मन्दिरजी में भगवान के अभिषेक के पष्चात गन्ने का रस धर्मावम्बियों को वितरित किया जाता है तथा मन्दिरजी में गुड की डली अर्घ के रूप मे श्रीजी के सम्मुख समर्पित की जाती है ।
अक्षय तृतीया का पर्व धन, समृद्वि और सौभाग्य का प्रतीक है ।
गंगवाल व जैन ने बताया कि आज के दिन पूरे भारतवर्ष में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, दुकान व मकानों का मुर्हुत, धार्मिक संस्कार, गुरूओं से आर्षीवाद लेकर आहार दान देने की प्रथा चली आ रही है । जिसके मध्य आज सभी जैन धर्मावलम्बी अपनी स्वेच्छा से दान स्वरूप राषि भेंट कर पुण्य का संचय करते है ।
आचार्यश्री एवं आर्यिका गुरूमां का आर्षीवाद प्राप्त किया
इसी श्रृंखला में मदनगंज किषनगढ में विराजित आचार्य वसुनंदीजी महाराज ससंघ व आगम रक्षिका 105 श्री आदिमति माताजी की संघस्था प.पू. आर्षमार्ग रक्षिका गुरूमां आर्यिका 105 श्री श्रुतमती माताजी एवं सुबोधमति माताजी ससंघ के चरणो में नमोस्तू एवं वंदामि करके अक्षय तृतीया के अवसर पर आर्षीवाद मिला ।
आर्षीवाद प्राप्त करने वालो में सुनील गंगवाल, कमल गंगवाल, अंकित गदिया, श्रेयांस गदिया, सरला जैन, रूबी जैन, संजय कुमार जैन, सीमा जैन, निर्मल गंगवाल, उर्मिला जैन आदि ने श्रीफल समर्पित कर गुरूमां आर्यिका संघ के चरण छूकर आर्षीवाद प्राप्त किया ।
संजय कुमार जैन कमल गंगवाल -महामंत्री
संयोजक-9828173258 9829007484