पेट में एसिड बनना एक आम समस्या है जिससे सीने में जलन, खट्टी डकार, पेट में गैस बनना, पेट का फूलना और सिरदर्द की समस्या हो सकती है। आयुर्वेद डॉक्टर का मानना है कि सुबह-सुबह कैफीन वाली चाय या कॉफ़ी पीना इसका एक सबसे बड़ा कारण हो सकता है। इसके अलावा आज की जीवन शैली इतनी व्यस्त हैं की हमें खाना खाने का समय नहीं मिलता ,या तला मिर्च मसाले वाला ,या पैक्ड फूड्स का उपयोग बहुत होता हैं .और सबसे प्रमुख बात हमारे खाने में अनियमितता होने से अम्लपित्त होता हैं .इससे बचना चाहिए ,
सुबह उठते ही बहुत से लोगों को अक्सर पेट में गैस या तेज़ाब बनने की शिकायत होती है। कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें इनके साथ माइग्रेन या सिरदर्द के लक्षण भी महसूस होते हैं। पेट की इस समस्या को एसिडिटी कहा जाता है। यह तब होता है जब पेट में गैस्ट्रिक एसिड यानी तेज़ाब का ज्यादा उत्पादन होने लगता है। कई बार यह गंभीर सिरदर्द का कारण बन सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, एसिडिटी या हाइपरएसिडिटी और माइग्रेन दोनों मुख्य रूप से पित्त के कारण होते हैं। यह तब होता है जब शरीर या दिमाग में वायु के साथ-साथ पित्त भी बढ़ता है।
लोग जो सुबह उठते ही चाय या कॉफी का सेवन करते हैं। यह चीजें कैफीन से भरी होती हैं। सुबह सबसे पहले कैफीन का सेवन करने से पेट की सूजन वाली आंत में अधिक सूजन आ जाती है। यह आपके आंत के अस्तर को परेशान करता है और पित्त को बढ़ाता है जिससे एसिडिटी / माइग्रेन आदि पित्त की समस्या होती है।
आयुर्वेद में क्या है एसिडिटी और माइग्रेन का इलाज
आयुर्वेद का नियम है कि इसमें बीमारी के मूल कारण को समझना और उसे जड़ से खत्म करना। इसलिए एसिडिटी/माइग्रेन को रोकने/उपचार करने का सबसे अच्छा तरीका ऊपर बताए गए कारकों से बचना है।
वात के साथ-साथ पित्त के बढ़ने के कारण—–
मसालेदार, नमकीन, खट्टा या किण्वित भोजन करना
बचा हुआ और फ्रोजन खाना
रात के खाने में या अधिक मात्रा में मांसाहार का सेवन करना
दिन की शुरुआत कैफीन से करना
रात 9 बजे के बाद डीप-फ्राइड खाना
गुस्सा या तनाव होना
नींद पूरी नहीं होना
यात्रा करना
सुस्त जीवनशैली
गुस्सा करना
इलाज
हर्बल चाय से भी मिल सकती है राहत
एसिडिटी और माइग्रेन से राहत के लिए सबसे आसान, तेज़ और सबसे प्रभावी तरीका यह है कि आपको अपने दिन की शुरुआत चाय/कॉफी की जगह ठंडी/शांत करने वाली हर्बल चाय से करनी चाहिए।
हर्बल चाय को कैसे तैयार करें?
बस 1 गिलास पानी लें, इसमें 1 टेबल स्पून धनिया, 1 टीस्पून सौंफ, 5-7 पुदीना और 10 करी पत्ते डालकर मध्यम आंच पर 3-5 मिनट तक उबालें। बस 5 मिनट में आपकी एसिडिटी और माइग्रेन शांत करने वाली चाय तैयार है।
अपथ्य — कैफीन
पित्त की समस्या होने पर कैफीन का सेवन बंद कर देना बेहतर है, लेकिन अगर आप इसे तुरंत नहीं रोक सकते हैं तो आप अपनी चाय/कॉफी में आधा चम्मच देसी घी या 1 चम्मच नारियल का तेल मिला सकते हैं, जिससे आपकी आंत को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
आयुर्वेदानुसार –आविपित्तकर चूर्ण ,मुक्ता शुक्ति .शंख भस्म ,चित्रकादि वटी कच्चा नारियल ,सौंफ ,पेठा लाभकारी होता हैं .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् ,A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३
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