आचार्यश्री विद्यासागर जी का वर्षायोग चातुर्मास अतिशय क्षेत्र अंतरिक्ष पारसनाथ में

एक संत, 75 उम्र, 52 दिन, 600 किमी पद विहार कर 9 जुलाई को पहुंचे शिरपुर

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जैन गजट (सुबोध मलैया, सागर संवाददाता) – आज तो ऐसा लग रहा है मानो लेखनी में जितनी स्याही है सब उड़ेल दूं, क्योंकि मन बार-बार कह रहा है। मन के हारे हार है मन के जीते जीत। धन्य धन्य आचार्य भगवन् और उनका बिल पॉवर, जहां हम देख रहे थे कि गुरूदेव एक कदम नही चल पा रहे थे, वही युग शिरोमणि ने मात्र 52 दिन में मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र के शिरपुर तक 600 किमी लंबा विहार कर सबको आश्चर्य में डाल दिया।

हे गुरू! धन्य हो तुम कितना परिषह सहते हो। ऐसे महापुरूष के चरणों में शत-शत नमन। महाराष्ट्र वासियों की भक्ति अद्भुत है, बहुत सालों से चातुर्मास में चौका ले के आते हैं। प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग आचार्य श्री के दर्शन करने पैदल आते हैं। यही भक्ति अस्वस्थ अवस्था में भी गुरू जी को खींचकर महाराष्ट्र में जा रही है। गुरू जी की चाल देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे गुरू जी कई वर्षो से अंतरिक्ष पारसनाथ भगवान के दर्शन करने को आतुर हैं एवं सीधे सरल दक्षिण के भक्तों को दर्शन देने के लिए निरंतर चले जा रहे हैं।

48 दिन से चल रहा मंगल विहार 9 जुलाई को 7.45 बजे सुबह प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र अंतरिक्ष पारसनाथ में जाकर ठहर गया। यह ठहराव दो चार दिन के लिए नहीं पूरे वर्षायोग चातुर्मास यानि दीपावली तक तो पक्का है। हजारों की संख्या में महाराष्ट्र और कर्नाटक के अलावा देश के कई हिस्सों से लोग अंतरिक्ष पारसनाथ पहुंचे हैं। पतली-पतली गलियों का यह गांव आज गुलजार हो गया। जैसे ही आचार्य श्री इस गांव की सीमा पर पहुंचे, महाराष्ट्र की पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा आचार्य भगवन की भव्य आगवानी की गई।

आचार्य संघ इस बार छोटा है लेकिन पूरे देश की निगाहें

इस छोटे से शिरपुर गांव में विराजमान अंतरिक्ष पारसनाथ के दरबार पर हैं। छोटे बाबा का प्रवेश यहां पर हुआ है। आचार्य संघ कुंडलपुर के बड़े बाबा के दरबार और रहली पटनागंज के बड़े बाबा भगवान महावीर स्वामी के मंगल आशीर्वाद के बाद निश्चित रूप से आने वाले दिनों में यहां मंदिर का बंद ताला भी खुल जाएगा ऐसी उम्मीद हम सब जन मिलकर के करें तो हमारी एकता और अखंडता भी बनी रहेगी। गुरूदेव के चरणों में ‘अनंत बार नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु।

संघस्थ मुनिश्री योगसागर जी महाराज का नागपुर-महाराष्ट्र, मुनिश्री प्रमाणसागर जी महाराज शिखर जी (झारखण्ड), मुनिश्री सुधासागर जी महाराज-ललितपुर, मुनिश्री अभयसागर जी महाराज-मडावरा (उत्तर प्रदेश), मुनिश्री समयसागर जी महाराज-बंडा, मुनिश्री संभवसागर जी महाराज-बीना, मुनिश्री विशदसागर जी महाराज-बंडा, मुनिश्री संभवसागर जी महाराजबीना, मुनिश्री विशदसागर जी महाराज-राहतगढ़, आर्यिका दृढ़मति माताजी उदासीन आश्रमसागर, मुनिश्री समता सागर जी महाराज-बेगमगंज, मुनिश्री अजित सागर जी महाराज-तीर्थक्षेत्र टिकटोली मुरैना, मुनि श्री प्रणय सागर जी महाराज- पनागर (जबलपुर), मुनिश्री वीरसागर जी महाराज- शहपुरा भिटोली (जबलपुर), मुनिश्री विनम्र सागर जी महाराज-खजुराहो (छतरपुर), मुनिश्री दुर्लभसागर जी महाराज-बावनगजा बड़वानी, मुनिश्री निर्दोष सागर जी महाराज, देवेंद्रनगर (पन्ना), मुनिश्री निर्दोषसागर जी महाराज गंजबासौदा में हो रहा है।

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