जयपुर। गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर अंतरिम बजट पेश किया, बजट घोषणा के साथ ही सभी वर्गो ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी, संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा की ” केंद्र सरकार का स्कूली शिक्षा पर कोई ध्यान नही, अभिभावक और विधार्थी सरकारी स्कूलों की बदहाली और निजी स्कूलों की मनमानी का शिकार हो रहे है। बजट से अभिभावकों और विद्यार्थियों को निराशा हाथ लगी है। ”
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की गुरुवार को केंद्र सरकार का अंतरिम बजट पूरी तरह से लोक लुभावन बजट है, यह बजट बजट ना होकर लोकसभा चुनाव में जनता को लुभाने का घोषणा पत्र मात्र है। अभिभावकों को उम्मीद थी की सरकार स्कूली शिक्षा पर ध्यान देते हुए प्री-प्राइमरी से कक्षा 12 तक के सभी विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाएगी किंतु सरकार आरटीई तक की पालना करवाने में पूरी तरह से असहाय नजर आ रही है, निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर देशभर का अभिभावक आक्रोशित है किंतु सरकार ने निजी स्कूलों पर लगाम लगाने की कोई योजना नहीं बनाई, विधार्थियो में सबसे बड़ी उम्मीद बालिकाओं को थी जो असुरक्षित वातावरण के शिकार होने को मजबूर हो रही है, विगत 7 वर्षों में देशभर में साढ़े 3 लाख से अधिक बालिकाएं बलात्कार जैसी घटनाओं का शिकार हो चुकी है किंतु सरकार ने बालिकाओं की सुरक्षा पर इस बजट में भी कोई प्रावधान नहीं किया।
अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की केंद्र सरकार के अंतरिम बजट से अभिभावकों और विद्यार्थियों को काफी उम्मीद थी किंतु हर बार की तरह इस बार भी निराशा हाथ लगी, संयुक्त अभिभावक संघ सहित प्रदेशभर के 2 करोड़ अभिभावक एवं विद्यार्थियों आशा है की राजस्थान सरकार आगामी बजट में स्कूली शिक्षा पर ध्यान देगी और बजट में अभिभावकों, विद्यार्थियों की मांगों पर ध्यान देगी, इसके लिए संघ मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और वित्तमंत्री दीया कुमारी को अभिभावकों की मांगों का मांग पर भी भेजेगा।