नैनवा 3 दिसंबर बुधवार अग्रवाल दिगंबर जैन बड़े मंदिर में पावन सागर सुभद्र सागर दो संतों का पदार्पण हुआ
धर्म सभा से पूर्व भगवान के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर मंगलाचरण की प्रस्तुति प्राची जैन द्वारा दी गई
दिगंबर जैन संत पावन सागर महाराज ने बताया की तिल में तेल रहता है चकमक में आग रहती है उसी प्रकार प्रत्येक आत्मा में ईश्वर रहता है
इन तीनों चीजों को प्राप्त करने के लिए मनुष्य को भरसक प्रयास करने होंगे बिना प्रयास के तिल से तेल प्राप्त नहीं होगा चकमक से आग नहीं होगी आत्मा में ईश्वर प्राप्त नहीं होगा
आज का मनुष्य अपने लिए बहुत कुछ अच्छा व्यवहार चाहता है सत्कार जाता है सम्मान चाहता है वह उसे तभी प्राप्त होगा जब दूसरे के प्रति सम्मान सत्कार मन में करुणा भाव रखेगा
आज संसार का प्रत्येक प्राणी अशांत है उसे शांति की बहुत तलाश है
शांति बाजार में मिलने वाली वस्तु नहीं है अपनी आत्मा में शांति है उसे प्राप्त करने के लिए मनुष्य को परमात्मा का ध्यान करना होगा मन में एकाग्रभाव उमंग तड़प होना चाहिए तभी ईश्वर की प्राप्ति होगी आत्मा में ईश्वर का स्मरण करने से शांति की प्राप्ति होगी
महावीर कुमार सरावगी
दिगंबर जैन प्रवक्ता नैनवा
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