आंतरिक वृत्तियों का कोमलता का नाम है मादव: आचार्य प्रमुख सागर

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गुवाहाटी: फैंसी बाजार के भगवान महावीर धर्म स्थल में पर्युषण पर्व के दूसरे दिन मादव धर्म की व्याख्या करते हुए आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने कहा कि मृदुभाव आत्मा का स्वभाव है, मृदुता आत्मा के सरल परिणामो को कहते हैं। मन की स्थिति का अत्यंत पवित्र और निष्कलूष हो जाना मृदुता है। आंतरिक वृत्तियो की कोमलता का नाम मादव है। आचार्य श्री ने कहा कि यदि हम जैसे हैं, उससे अधिक बनते हैं या अपने को बताते हैं तब असहज होते हैं और तभी मदांधता, अहंकार ,दंभ पनयकर भीतर ही भीतर हमें खोखला कर देता है।अत: सहज होना, सहज बने रहना अपनी स्भाविकता मे रहना ही मादव धर्म है। इसके पूर्व प्रातः आचार्य श्री ससंघ के मुखारविंद से शांतिधारा करने का परम सौभाग्य हुक्मीचंद विनोद कुमार पाटनी परिवार गुवाहाटी एवं संजय कुमार माया देवी काला परिवार पांडू ,गुवाहाटी को प्राप्त हुआ।तत्पश्चात दस लक्षण मंडल विधान एवं षोड़सकारण मंडल विधान की पूजन की गई । पुष्प प्रमुख वर्षा योग समिति के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी ने बताया कि पर्युषण पर्व एवं मौन संस्कार साधना शिविर के अवसर पर काफी संख्या में गुरु भक्त एवं स्थानीय श्रद्धालु उपस्थित थे। यह जानकारी प्रचार-प्रसार विभाग के सह संयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।।

सुनील कुमार सेठी
प्रचार प्रसार विभाग , श्री दिगंबर जैन पंचायत , गुवाहाटी (असम)

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